कोरोना से लड़ाई की तैयारी के बीच हांफ रहा पीएचसी नरपतगंज

अररिया। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक दम तोड़ती नजर आ रही है। सरकारी अस्पतालों की कुव्यवस्था के कारण ग्रामीण चिकित्सकों की चांदी कटती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:52 PM (IST)
कोरोना से लड़ाई की तैयारी के बीच हांफ रहा पीएचसी नरपतगंज
कोरोना से लड़ाई की तैयारी के बीच हांफ रहा पीएचसी नरपतगंज

अररिया। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक दम तोड़ती नजर आ रही है। सरकारी अस्पतालों की कुव्यवस्था के कारण ग्रामीण चिकित्सकों की चांदी कटती है। लाचार व बेबस मरीजों को या तो ग्रामीण चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ता है या कई किलोमीटर दूर फारबिसगंज या अररिया निजी क्लीनिक में इलाज के लिए भटकना पड़ता है। अगर हम बात करें नरपतगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तो मात्र कहने को यह सरकारी अस्पताल है। यहां फ‌र्स्ट से बढ़करर कोई सुविधा नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेकर भी यहां कुछ भी नहीं बदना है। एक ओर कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सेवा बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इन दावों के बीच प्रखंड क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था हांफ रही है। सुबह से शाम तक मरीजों का आना-जाना लगा रहता था। नरपतगंज स्वास्थ्य केंद्र में बिजली तो है लेकिन पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है और ना ही मरीजों के लिए समुचित बेड की व्यवस्था है। दो दो शौचालय बनकर तैयार है लेकिन उसमें ताला लटका रहता है जिससे कि स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम सहित मरीजों व मरीजों के साथ आए स्वजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आज भी कर्मचारियों और मरीजों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में गांवों से आने वाले मरीजों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस तरफ स्वास्थ्य विभाग का ध्यान बिल्कुल भी नहीं है। नरपतगंज पीएचसी में पांच एंबुलेंस की आवश्यकता है जबकि यहां मात्र दो एंबुलेंस है। उसमें भी एक कई माह से खराब है । बेड पर चादर नहीं है, मरीजों को बिना चादर के ही लिटा दिया जाता है। हालांकी सीएस के दावों की बात करें तो सभी पीएचसी को दो एंबुलेंस खरीदने की अनुमति दी गई है। सदर अस्पताल में फिलहाल आठ एम्बुलेंस मौजूद है। सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से मिले निर्देशो के अनुसार तीसरी लहर में मरी•ाों की हालत कुछ ही समय मे बिगड़ने लग सकती है। इसे लेकर एम्बुलेंस की संख्या में इजाफा आवश्यक है। जिले के सभी पीएचसी को जरूरत के हिसाब से एक या दो एम्बुलेंस हायर करने या खरीदने की अनुमति दी गई है। बहुत जल्द ही सभी पीएचसी में एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। वही दूसरी और सदर अस्पताल में दर्जनों एम्बुलेंस काफी समय से मामूली खराबी के कारण बेकार पड़े हुए है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर इन एम्बुलेंस को ठीक करा लिया जाता तो संभावित तीसरी लहर में ये बड़ा योगदान दे सकती है। इस संबंध में नरपतगंज पीएचसी प्रभारी डा. रूपेश कुमार ने बताया कि व्यवस्था में सुधार लाने का हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं शौचालय से लेकर स्वास्थ्य केंद्र हर सुविधा बेहतर हो जाएगी। कोट स्वस्थ्य केंद्र की बदहाली की जानकारी उन्हें नहीं है। पीएचसी की व्यव्स्था को दुरुस्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएचसी प्रभारी को अविलंब वहां की कमियों को दूर करने के लिए आवश्यकता के आधार पर लिस्ट बनाकर अविलंब भेजने के लिए कहा जा रहा है। डा. एमपी गुप्ता, सीएस

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