15 अप्रैल से अररिया सिविल कोर्ट गेट खोलने के लिए अध्यक्ष ने भेजा जिला न्यायाधीश को पत्र

संसू अररिया कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर सिविल कोर्ट अररिया में वर्चुअल तरी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 12:32 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 12:32 AM (IST)
15 अप्रैल से अररिया सिविल कोर्ट गेट खोलने के लिए अध्यक्ष ने भेजा जिला न्यायाधीश को पत्र
15 अप्रैल से अररिया सिविल कोर्ट गेट खोलने के लिए अध्यक्ष ने भेजा जिला न्यायाधीश को पत्र

संसू, अररिया: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर सिविल कोर्ट अररिया में वर्चुअल तरीके से कामकाज का दिशानिर्देश जारी होने के साथ कोर्ट परिसर का प्रवेश द्वार बंद है। जबकि वहां निर्मित स्टूडियो का उपयोग नहीं हो रहा है। साथ ही वर्षों से उक्त परिसर में कर्मस्थली कहे जाने वाले बार भवन होने के बावजूद अररिया के अधिवक्तागण सहित उनके पदाधिकारियों भी अपने भवन में जाने से वंचित हो चुके हैं। इतना ही नहीं, कोर्ट परिसर में बिकने वाले सरकारी स्टांप भी अधिवक्ताओं सहित जरूरतमंदों को खरीदना मुश्किल हो गया है। इस बात को जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार ठाकुर ने गंभीरता से लिया है तथा बुधवार को अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भेजे पत्र में कई प्रमुख बिदुओं का उल्लेख करते 15 अप्रैल से कोर्ट गेट खोलने का अनुरोध किया है।

अध्यक्ष ने जिला न्यायाधीश को भेजे पत्र में कहा है कि पिछले नौ अप्रैल से ही सिविल कोर्ट का गेट बंद कर दिया गया है। इस परिस्थिति में अररिया के अधिवक्ता अपने कर्म स्थल (बार भवन) नहीं जा पा रहे हैं। इस कारण अधिवक्ताओं को कोर्ट से संबंधित अपने करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। इतना ही नहीं, कोर्ट परिसर में करीब सत्तर वर्षों से जिला बार भवन अवस्थित है। संघ का कार्यालय कोर्ट परिसर में अवस्थित होने के बावजूद जहां संघ के पदाधिकारियों को जाना मुश्किल हो गया है। वही अधिवक्तागण भी अपने कर्म स्थल पर जाने से वंचित हो चुके हैं। जबकि कोर्ट फी स्टांप का काउंटर भी कोर्ट परिसर में ही है। कोर्ट गेट बंद रहने से अधिवक्ता सहित जरूरतमंद लोग कोर्ट फी स्टांप नहीं खरीद पा रहे हैं। इस परिस्थिति में अधिवक्ताओं, जरूरतमंदों सहित संघ के अधिवक्ताओं को आर्थिक नुकसान हो रहा हैं।

अध्यक्ष ठाकुर ने अपने पत्र में यह उल्लेख किया है कि वर्चुअल कोर्ट होने के कारण कई अधिवक्तागण संसाधन के अभाव में अपने कार्य को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। वही इससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर में स्टूडियो का निर्माण होने के बावजूद उसका समुचित उपयोग नहीं हो रहा है। इस परिस्थिति में अधिवक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है।

उक्त बिदुओं पर ध्यान केंद्रित कराते अध्यक्ष ठाकुर ने जिला न्यायाधीश को अधिवक्ताओं के लिए 15 अप्रैल से सिविल कोर्ट का गेट खोलने का आदेश निर्गत करने के साथ-साथ आश्वस्त किया है कि कोर्ट परिसर में जाने से पूर्व अधिवक्तागण कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करेंगे। साथ ही सरकार का निर्देश का पालन करते हुए मुंह में मास्क लगाने सहित सामाजिक दूरी का पालन करेंगे।

संघ के अध्यक्ष द्वारा जिला न्यायाधीश को उक्त पत्र भेजे जाने के साथ ही अधिवक्ताओं ने इसे सराहनीय कदम बताया है तथा अध्यक्ष के इस कार्य की चहुंओर प्रशंसा जारी है। जबकि वर्तमान में मार्निंग कोर्ट जारी है।

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