कोरोना की जांच सदर से लेकर पीएचसी व पंचायतों तक उपलब्ध

जागरण टीम अररिया जिले में कोरोना की जांच को लेकर इलाज की सुविधा सदर से लेकर पीएचसी त

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:42 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:42 PM (IST)
कोरोना की जांच सदर से लेकर पीएचसी व पंचायतों तक उपलब्ध
कोरोना की जांच सदर से लेकर पीएचसी व पंचायतों तक उपलब्ध

जागरण टीम, अररिया: जिले में कोरोना की जांच को लेकर इलाज की सुविधा सदर से लेकर पीएचसी तक उपलब्ध है। कई जगहों पर पंचायत स्तर पर भी जांच की जा रही ही है। वहीं, कोरोना मरीजों की इलाज के लिए फारबिसगंज के एएनएम प्रशिक्षण सेंटर को कोविड अस्पताल बनाया गया है। पलासी कोराना मरीजों की संख्या 142 है। जिसमें 95 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना वाइरस से संबंधित जांच की व्यवस्था पी एच सी के अलावे सभी पंचायतों में एएनएम द्वारा किट के माध्यम से की जाती है। साथ ही कोरोना वाइरस संक्रमित मरीजों के लिए सी सी सी सेंटर भी बनाया गया है। उक्त जानकारी प्रभारी स्वास्थ्य प्रबंधक मिथिलेश कुमार ने दी है। फारबिसगंज में कोविड मरीजों के इलाज के लिए डाइट ट्रेनिग स्कूल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जिसमें बेड की संख्या 60 है। वहीं अनुमंडल अस्पताल के एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसमें 50 बेड की संख्या है। फारबिसगंज में 47 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। उक्त जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. राजीव कुमार बसाक ने दी है। वहीं नरपतगंज में कुल 400 मिले कोरोना संक्रमित, 260 हुए ठीक, 140 फिलवक्त है। लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र में आधा दर्जन एपीएचसी है, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं के बराबर हैं। एपीएचसी में चिकित्सक सप्ताह में 1 दिन आते हैं और एपीएचसी में आवश्यकता है अनुसार दवाई नहीं मिल रही है, जिससे मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। सीरियस मरीजों को अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज या पूर्णिया रेफर कर दिया जाता है। नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के पीएचसी एवं एपीएचसी की स्थिति काफी दयनीय है। दूरी व सुविधा के अभाव में मरीजों को ज्यादा पैसा देकर निजी लैब से जांच करानी पड़ रही है। स्वास्थ्य केंद्र से अगर किसी को दूसरे अस्पताल रेफर करने की नौबत आती है तो उक्त मरीज को निजी खर्च से जाना पड़ता है। यहां के अस्पताल में नाम पर खांसी के लिए गोली एक-दो एंटीबायोटिक और कृमि की दवा ही आम लोगों को मिलती है। बाकी दवाइयों के लिए गरीब मरीजों को बाजार का रुख करना पड़ता है। इस हाल में गरीब मरीज सरकारी पुर्जा समेटकर एक-आध दवा को लेकर घर जाना बेहतर समझते हैं। ऐसे में इन गरीब मरीजों का इलाज अधूरा रह जाता है और स्वास्थ्य के प्रति सरकार के दावे पर सवालिया निशान लग जाता है। यहां के अस्पतालों में बेड की भारी कमी है एक ही बेड पर कई मरीजों को रखा जाता है और उस पर चादर नहीं डाला जा रहा है। इस संबंध में नरपतगंज पीएचसी प्रभारी डॉ रूपेश कुमार ने बताया कि बढ़ रहे कोर्णाक संक्रमित ओं की संख्या को लेकर जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है हर जगह कोरोना जांच किया जा रहा है और लोगों को सलाह दिया जाता है कि कैसे रहना है कैसे खानपान करना है और कुछ दवाई उपलब्ध है और कुछ नहीं है जिसके लिए विभाग को बताया भी जाता है और वह दवा उपलब्ध कराया जाता है। रानीगंज प्रखंड क्षेत्र में कुल 339 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं जिसमे 220 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। फिलहाल 119 व्यक्ति पॉजिटिव हैं। जिसका देखभाल रेफरल अस्पताल के द्वारा किया जा रहा है। भरगामा प्रखंड में कोरोना संक्रमित की संख्याकुल 356है। फिलहाल एक्टिव केस की संख्या 154 है। 202 मरीज ठीक हो चुके है।उक्त जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भरगामा के प्रभारी चिकित्सक ओमप्रकाश मंडल ने दिया है। भरगामा प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भरगामा प्रखंड के पंचायतौं में चिकित्स्क द्वारा कोरोना जाँच प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भरगामा के अलावे उप स्वास्थ्य केन्द्र खजुरी, उप स्वास्थ्य केन्द्र चरैया,में किया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित मरीजों को मेडिसीन कीट उपलब्ध कराया जा रहा है। जोकीहाट प्रखंड में टोटल पा•ाटिव केस 173,

एक्टिव पा•ाटिव केस 50, कंटेनमेंट जोन 06 है। जांज एंटीजन टेस्ट कर रिजल्ट शीघ्र बताया जाता है जबकि आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सेंपल लिया जाता है। फिर जांच के लिए अन्यत्र भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट दो दिन बाद मिलता है। जबकि कोरोना पा•ाटिव मरीज के इलाज के लिए यहां कोई संतोषजनक व्यवस्था नही है। पा•ाटिव मरीजों को किट देकर होम आइसोलेशन में रखा जाता है। गंभीर मामलों में कोविड केयर सेंटर पलासी भेजा जाता है। वहां रोगी की स्थिति को देखकर अररिया या फारबिसगंज भेजा जाता है। जहां से मेडिकल कॉलेज मधेपुरा में इलाज होता है।

वहीं कुर्साकांटा प्रखंड संक्रमित 212,175 हुआ ठीक व कंटेंटमेंट जोन 24 बनाया गया है।

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