एक हजार से अधिक हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या, सावधानी की जरूरत

-गुरुवार को 155 नए मरीज हुए कोरोना वायरस से संक्रमित - जिले में 97.87 प

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 07:33 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 07:33 PM (IST)
एक हजार से अधिक हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या, सावधानी की जरूरत
एक हजार से अधिक हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या, सावधानी की जरूरत

-गुरुवार को 155 नए मरीज हुए कोरोना वायरस से संक्रमित

- जिले में 97.87 प्रतिशत मरीज हैं ए सिम्टेमेटिक, जिनमें वायरस का कोई लक्षण नहीं।

-संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए बनाये गए है 173 कंटेनमेंट जोन

संवाद सूत्र अररिया: जिले में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को 155 नए संक्रमित मरीजों के साथ ही कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक हजार 82 हो गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए आम लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है। सार्वजनिक जगहों से दूरी बनाने, मास्क पहनने और हाथ को बार- बार धोने की अपील की गई है। जानकारी देते हुए सीएस डॉ. एमपी गुप्ता ने बताया कि जिले में एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के तमाम लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिये विशेष अभियान संचालित किया जाना है। अभियान को सफल बनाने के प्रयासों में विभाग जुटा हुआ है। इधर जिले में हर दिन कोरोना संक्रमण के नये मरीज मिल रहे हैं। इससे संक्रमण से बचाव संबंधी विशेष एहतियाती उपायों पर अमल फिर से जरूरी हो गया है। गुरुवार को जिले में कोरोना संक्रमण के 155 नये मामले सामने आये। इस बीच 50 लोग संक्रमण से जुड़ी चुनौती से निजात पाने में भी सफल रहे हैं। बहरहाल जिले में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ कर एक हजार के पार हो चुकी है। संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये जिला स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच अभियान में तेजी लाने के साथ-साथ अधिक से अधिक लोगों को टीकाकृत किये जाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।

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जिले में बनाये गए कुल 173 कंटेनमेंट जोन -जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान अशरफ से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में फिलहाल कुल 173 एक्टिव कंटेनमेंट जोन प्रभावी हैं। वही एक हजार 59 मरीज वर्तमान में होम आइशोलेशन में इलाजरत है। अब तक एक लाख 59 ह•ार 466 लोगो को कोरोना का टीका दिया जा चुका है, जिसमें 1 लाख 32 हजार 617 लोगों को टीका का पहला डोज जबकि 26 ह•ार 849 लोगों को कोरोना का दूसरा टीका भी दिया गया है।

अधिकतर मरीज हैं ए सिम्टेमेटिक-जिले में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमण का प्रसार जिस तेजी से हो रहा है। लेकिन संतोषजनक बात यह है कि जिले के अधिकांश मरीज ए सिम्टेमेटिक हैं। मतलब उनमें रोग संबंधी कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखता। यही कारण है कि फिलहाल लगभग 97.87 फीसदी संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में इलाजरत हैं। जिले में कुल संक्रमितों की संख्या में 1082 है। इसमें 1059 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है। इसका अनुपालन जरूरी है। ताकि संक्रमित व्यक्ति जल्द स्वस्थ होकर अपने काम पर लौट सकें। साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों का भी संक्रमण से बचाव किया जा सके। सीएस डॉ. एपमी गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा घर में किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के तुरंत बाद उनके लिये घर में अलग कमरा चिह्नित किया जाना चाहिये। घर का हवादार कमरा इसके लिये उपयुक्त है। कमरा को तत्काल आइसोलेट किया जाना चाहिये। संक्रमित मरीज घर के अन्य सदस्यों को पर्याप्त दूरी बना कर रखनी चाहिये। बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिये घर के किसी एक व्यक्ति को चिह्नित कर लिया जाना चाहिये। ध्यान रहे कि बीमार व्यक्ति का ख्याल रखने वाला दूसरा पारिवारिक सदस्य का बाहरी लोगों से संपर्क सीमित होना चाहिये। साथ ही उनका पूरी तरह स्वस्थ होना जरूरी है। हाई रिस्क आयु वर्ग के लोगों को इस दायित्व से मुक्त रखना चाहिये।

बीमार व्यक्ति के इस्तेमाल की चीजों का अलग करना जरूरी-सीएस डॉ गुप्ता ने बताया बीमार व्यक्ति के कमरे में प्रवेश से पूर्व मास्क लगाना अनिवार्य है। उनके लिये उपयोग की तमाम चीजों का अलग किया जाना चाहिये। उनके लिये अलग थाली, ग्लास, होना जरूरी है। इतना ही नहीं बीमार व्यक्ति के संपर्क व उपयोग में लाये जाने वाले तमाम चीजों को तत्काल सैनिटाइज किया जाना चाहिए। संक्रमण के प्रसार के खतरों को कम करने के लिहाज से यह बेहद जरूरी है। वहीं रोग संबंधी लक्षणों के नियमित निगरानी जरूरी है। इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थों व संतुलित आहार का सेवन के साथ-साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने वाले खाद्य पदार्थ व पेय का इस्तेमाल महत्वपूर्ण होता है। खांसते-छींकते समय मुंह को टिशु पेपर, रूमाल, तौलिया, दुपट्टा, गमछा आदि से ढंके व हाथों को साबुन से बार-बार धोयें। किसी भी परिस्थिति में व्यक्तिगत वस्तुओं को अन्य सदस्यों के उपयोग के लिये साझा नहीं किया जाना चाहिये। इतना ही नहीं बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श के किसी औषधी का सेवन से परहेज करना चाहिये। संपर्क में आने वाले सतहों को लगातार सैनिटाइज करते रहना चाहिये। देखभालकर्ता व निकट संपर्क में रहने वाले अन्य लोग भी दैनिक रूप से अपने शरीर के तापमान व कोरोना के अन्य लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई की निगरानी जरूरी है। ऐसे करने से संक्रमित व्यक्ति जल्द स्वस्थ हो सकते हैं। साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी संक्रमण के खतरों से बचाया जा सकता है।

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