महासमर: चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, नेताओं ने झोकी पूरी ताकत

जासं अररिया अररिया जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान ह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 12:26 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:26 AM (IST)
महासमर: चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, नेताओं ने झोकी पूरी ताकत
महासमर: चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, नेताओं ने झोकी पूरी ताकत

जासं, अररिया: अररिया जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होगा। अब चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने दल के प्रत्याशी की जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी है। प्रांत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता का आगमन अब शुरू हो गया है। शारदीय नवरात्र के कारण चुनाव प्रचार में उतनी तेजी नहीं आयी थी लेकिन जैसे ही पर्व संपन्न हुआ अब चुनाव प्रचार ने अपना जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। अभी तक भाजपा, कांग्रेस व एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आगमन हो चुका है। अभी कई नेताओं के आने की संभावना है।

भाजपा की तरफ से गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, डिप्टी सीएम सुशील मोदी का फारबिसगंज व सांसद मनोज तिवारी नरपतगंज से भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में भरगामा में जनसभा कर चुके हैं। एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष की पहली जनसभा जोकीहाट विधानसभा में 28 अक्टूबर को हुई। जबकि दूसरी नरपतगंज में 29 अक्टूबर को हुई।

वहीं कांग्रेस की तरफ से कुछ दिन पूर्व पूर्व सांसद राजबब्बर फारबिसगंज में कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर अनवर के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर चुके है। वहीं भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन नवंबर फारबिसगंज आ रहे हैं। साथ ही यह भी चर्चा है कि अररिया में महागठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुनावी जनसभा होने की संभावना है। अब नेताओं का उड़नखटोला उतराना शुरू हो गया है।

जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में चार पर राजद व दो पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। हालांकि राजद की तरफ से कोई बड़ा नेता अभी तक नहीं पहुंचे हैं। यहीं हाल जदयू का है। इसके खाते में दो सीट रानीगंज व अररिया है। लेकिन इस दल से भी कोई बड़े नेता की सभा नहीं हुई। प्रचार में भी कोई तेजी नहीं दिखाई दे रही है। अररिया शहर में कांग्रेस ने अपना प्रचार आज शुरू कर दिया है। वहीं लोजपा भी अररिया व रानीगंज में अपने उम्मीदवार खड़े किया हुआ है। इस दल से अभी तक किसी की सभा नहीं हुई।

अभी तक अररिया विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार आबिदुर्रहमान ने पिछली बार के चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज कर कांग्रेस को जीत दिलाई थी। वहीं इस बार भी कांग्रेस ने इन पर भरोसा जताया है और टिकट दी है। इस बार क्या होगा आने वाला समय बतायेगा। अररिया की सीट जदयू कोटे में जाने से यहां से पूर्व जिप अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम चुनाव लड़ रही है। अब भाजपा व जदयू का गठबंधन बन जाने से सीट जदयू के खाते में चली गई। भाजपा से विद्रोह कर चंद्रशेखर सिंह बब्बन लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वे अपना जनसंपर्क अभियान जारी रखे हुए है।

इसी प्रकार फारबिसगंज में निवर्तमान विधायक विद्यासागर केसरी इस बार पुन: पार्टी का टिकट पाने में सफल रहे। यहां से पार्टी की जीत के लिए प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार डेरा डाल रहे है। डिप्टी सीएम सुशील मोदी की चुनावी सभा भी हो चुकी है। फारबिसगंज में पिछली बार महागठबंधन से राजद के खाते में सीट गई थी। इस बार कांग्रेस के हिस्से में है जहां से पूर्व विधायक जाकिर अनवर अपना किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं रानीगंज राजद के खाते में गई जहां अविनाश मंगलम पर भरोसा जताया है। जदयू से निवर्तमान विधायक अचमित ऋषिदेव को पुन: पार्टी ने टिकट दिया है। यहां भी लोजपा अपने उम्मीदवार खड़े किए हुए है।

वहीं सिकटी विधानसभा सीट से भाजपा ने निवर्तममान विधायक को इस बार पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है। जबकि जदयू छोड़कर राजद में आए डा. शत्रुघ्न मंडल को पार्टी ने टिकट दिया है। वे पिछली बार जदयू से चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर थे। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक स्व. आनंदी यादव के पुत्र अभिषेक आनंद चुनावी समर में कुद पड़े है। वहीं राजद से विद्रोह कर कमरूज्जमा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड् रहे है। इस विधानसभा में भी किसी दल से नेता नहीं पहुंचे हैं।

नरपतगंज में इस बार भाजपा ने नया प्रत्याशी उतारा है। पिछली बार भाजपा से देवयंती यादव को पार्टी ने टिकट दिया था। लेकिन इस बार इनका टिकट काटकर जयप्रकाश यादव को थमा दिया है। यहां से निवर्तमान विधायक अनिल यादव को राजद से टिकट मिला है। यहां कौन बाजी मारता है आने वाला समय बताएगा। वहीं दिलचस्प मुकाबला जोकीहाट विधानसभा सीट की है जहां से दो सगे भाई चुनाव लड़ रहे है। राजद से निर्वतमान विधायक शाहनवाज आलम को इस बार दलीय टिकट नहीं मिला तो वे एआइएमआइए पार्टी से चुनाव लड़ रहे है। जबकि इनके बड़े भाई पूर्व सांसद सरफराज आलम को राजद से टिकट मिला है। भाजपा से दूसरी बार रंजीत यादव अपनी किस्मत आजमा रहे है।

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