आ‌र्म्स एक्ट मामले में तीन वर्ष की सजा और जुर्माना

अररिया। भरगामा थाना क्षेत्र स्थित छर्रापट्टी गांव में तेरह साल पूर्व स्थानीय पुलिस ने छापेमारी के दौरान मौजूद लोगों को अपने गिरफ्त में ले लिया। इस मामले में अररिया के एसीजेएम षष्ठम देवराज की अदालत ने सुनवाई पूरी की और शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए मशकुर को दोषसिद्ध करते हुए तीन साल की सश्रम कैद सहित दस हजार रुपये का जुर्माना भरने का फैसला सुनाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:13 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:13 PM (IST)
आ‌र्म्स एक्ट मामले में तीन 
वर्ष की सजा और जुर्माना
आ‌र्म्स एक्ट मामले में तीन वर्ष की सजा और जुर्माना

अररिया। भरगामा थाना क्षेत्र स्थित छर्रापट्टी गांव में तेरह साल पूर्व स्थानीय पुलिस ने छापेमारी के दौरान मौजूद लोगों को अपने गिरफ्त में ले लिया। इस मामले में अररिया के एसीजेएम षष्ठम देवराज की अदालत ने सुनवाई पूरी की और शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए मशकुर को दोषसिद्ध करते हुए तीन साल की सश्रम कैद सहित दस हजार रुपये का जुर्माना भरने का फैसला सुनाया। इसी मामले में अनीस नामक एक आरोपित को अदालत मौके पर हाजिर नहीं होने पर अदालत ने गंभीरता से लिया है दोषसिद्ध भगोड़ा घोषित करते उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट आदेश जारी किया है।

घटना 11 नवंबर 2007 को छर्रापट्टी गांव की है। घटना तिथि को इस बात की भनक स्थानीय पुलिस को लगी तथा सदलबल के साथ घटना स्थल पर छापेमारी की, जिसमें स्थानीय पुलिस ने लोडेड आग्नेयास्त्र एवं कारतूस सहित खोखा के साथ मौजूद आरोपितों को अपने गिरफ्त में ले लिया।

एसीजेएम षष्ठम देवराज की अदालत ने जीआर संख्या-3613/17 के इस मामले में सुनवाई पूरी की। अदालत ने इस मामले में छर्रापट्टी निवासी मशकूर नामक आरोपित को आ‌र्म्स ऐक्ट के विभिन्न धाराओं में तीन साल की सश्रम कैद सहित दस हजार रुपये जुर्माना भरने का फैसला सुनाया। इसी मामले में अदालत ने शहाबुद्दीन नामक एक आरोपित को पूर्व में सजा सुना चुकी है। वही अदालत ने मो असीन नामक आरोपित के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी किया है। इस मामले में अदालत में सरकार की ओर से एपीओ मनोज अग्रवाल तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता पवन कुमार यादव ने भाग लिया।

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