बड़े पैमाने पर हो रहा प्याज की तस्करी, 75 रुपये किलो तक पहुंची कीमत

सीमावर्ती क्षेत्रों में प्याज की तस्करी पर नहीं लग रहा लगामअनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र से पचास ह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 12:22 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:22 AM (IST)
बड़े पैमाने पर हो रहा प्याज की तस्करी, 75 रुपये किलो तक पहुंची कीमत
बड़े पैमाने पर हो रहा प्याज की तस्करी, 75 रुपये किलो तक पहुंची कीमत

सीमावर्ती क्षेत्रों में प्याज की तस्करी पर नहीं लग रहा लगामअनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र से पचास हजार क्विटल प्याज प्रतिदिन तस्करी के माध्यम से भेजे जा रहे नेपाल

सीमा क्षेत्र के पुलिस एवं एसएसबी की भूमिका संदिग्ध

सुरक्षाकर्मी से लाइन मैनेज का काम करते हैं सफेदपोश

अजीत कुमार , संसू ,फुलकाहा (अररिया): तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में प्याज व आलू बीज की तस्करी बदस्तूर जारी है। यह सब तब हो रहा है जब भारत सरकार ने आसमान छू रहे प्याज के भाव में वृद्धि कर दी है। अब भारतीय मंडी में प्याज थोक भाव में 75 सौ रुपये क्विटल बिक रहा है। जबकि तस्करी के माध्यम से नेपाल भेजे गये प्याज की कीमत वहां 10 हजार से अधिक है। यही कारण है कि सीमा क्षेत्र के कमोबेश सभी तस्कर प्याज की तस्करी में संलिप्त हो गये हैं। नरपतगंज प्रखंड के नवाबगंज पंचायत के नेपाल सीमा से सटे कोशिकापुर गांव के भारत नेपाल सीमांकन पीलर संख्या 188 एवं मानिकपुर गांव स्थित पीलर संख्या 189/2 इन दिनों तस्करों का बहुत बड़ा प्याज मंडी बना हुआ है यहां से सैकड़ों क्विटल प्याज को पड़ोसी देश नेपाल तस्करी के माध्यम से भेजा जा रहा है। इतना बड़ा कारोबार और एसएसबी एवं पुलिस को जानकारी नहीं होना ऐसा संभव नहीं दिखता। खास बात यह है कि अहले सुबह से देर रात तक प्याज की तस्करी होती है। ट्रैक्टर ट्रैलर में लादकर नेपाल के मुख्य कप्तानगंज एवं देवानगंज के रास्ते यहां प्याज नेपाल के अन्य मंडियों में भेजे जा रहे हैं। जिस गति से यहां के प्याज तस्करों द्वारा नेपाल पहुंचाये जा रहे हैं उससे यहां के बाजारों में प्याज के भाव पर व्यापक असर पड़ सकता है। हाल हीं में एक सौ रुपये किलो तक खुले बाजार में बिका था। गरीबों की सब्जी तो दूर मध्यमवर्गीय परिवारों के थाली से भी प्याज गायब हो गए थे। सलाद की कल्पना बिना प्याज के किये जाने लगी थी। प्याज की तस्करी छोटे-छोटे खेप टैंपू एवं पिकअप वाहन से मंगा कर की जा रही है। इन दिनों अधिकतर टैंपू में प्याज के बोरे देखें प्याज से लदी टैंपू को अब विभिन्न थाने के पुलिस ढूंढ रहे हैं ऐसा इसलिये है कि टैंपू में सवार प्याज तस्कर से उन्हें नजराना मिल रहा है। टैंपू से प्याज ढोने वाले चालक यातायात नियमों की भी अनदेखी कर रहे हैं। नेपाल में कमोबेश सर्वत्र प्याज की मांग है। नेपाल के सुनसरी जिले के इनारुवा, ईटहरी, विराटनगर, सप्तरी, काठमांडू, जनकपुर, धनकुटा झापा, दुहबी, राजविराज, भरतपुर, कटारी, कमलामाई, कीर्तिपुर आदि जगहों में प्याज की खपत अधिक है। कहां कहां से होती है प्याज की तस्करी- अररिया जिले में भारत नेपाल सीमा क्षेत्र के कोशिकापुर व मानिकपुर तस्करों के लिए सेफ जॉन बना हुआ है। वहीं सीमा से सटे पथरदेवा जिमराही, कोशिकापुर, मानिकपुर, पथराहा, बबुआन, बसमतिया, बेला आदि क्षेत्र से इन दिनों बड़े पैमाने पर प्याज की तस्करी हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन पचास हजार क्विटल प्याज तस्करी के माध्यम से नेपाल भेजा जा रहा है। फुलकाहा थानाध्यक्ष हरेश तिवारी ने पूछे जाने पर बताया कि प्याज की तस्करी नहीं हो रही है इसकी सूचना मिल रही है लेकिन चुनाव में व्यस्तता के कारण नहीं पकड़ी जा रही है कितु अगर ऐसे मामले सामने आएंगे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में बाथनाहा मुख्यालय एसएसबी स्थित 56 वीं बटालियन के सेनानायक मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि सीमा पर चौबीसो घंटे एसएसबी जवानों की तैनाती है। कहा की अगर इस तरह की सूचना ग्रामीण द्वारा मिलेगी तो अविलंब कार्रवाई की जाएगी और जो भी इस तस्करी में संलिप्त होंगे उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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