चुनावी शोर में थम गया श्रुति सुसाइड की आवाज

अररिया। सिमराहा थाने में पदस्थापित महिला सिपाही श्रुति सुसाइड मामले में पुलिसिया कार्रवाई से अब

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:56 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:56 PM (IST)
चुनावी शोर में थम गया श्रुति सुसाइड की आवाज
चुनावी शोर में थम गया श्रुति सुसाइड की आवाज

अररिया। सिमराहा थाने में पदस्थापित महिला सिपाही श्रुति सुसाइड मामले में पुलिसिया कार्रवाई से अब लोगों को भरोसा ही उठ गया है। चुनावी शोर के बीच दारोगा अबतक फरार है। लगभग दो माह बाद भी आरोपित दारोगा किग कुंदन को पुलिस नहीं पकड़ पाई। सबसे दिलचस्प बात है कि श्रुति के पति के द्वारा हत्या के लिए दारोगा के उकसाने की नामजद प्राथमिकी के बाद लोगों को पुलिस पर न्यायोचित कार्रवाई का भरोसा था। लेकिन दो माह अब पूरा होने को है। एक बार भी पुलिस की ओर से गिरफ्तारी के लिए कहीं भी छापेमारी नहीं की गई। इस मामले में आनन फानन में टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा से लेकर वह सबकुछ दिखावे के लिए किया गया। लोगों का आरोप है कि इस तरह के मामले में पुलिस एक बार भी न तो आरोपित के पत्नी का बयान दर्ज करने की जहमत उठाई। इतना ही नहीं नियमित कार्य की तरह श्रुति के पति का न्यायालय में बयान दर्ज कराया गया और उसके बाद पूरी तरह से पुलिसिया कार्रवाई शिथिल हो गया है। लोगों का आरोप है कि जानबूझ कर आरोपित दारोगा को लाभ पहुंचाने के लिए ये सब किया जा रहा है। ताकि चुनावी शोर में दारोगा को लाभ मिल जाए और श्रुति के पति न्याय के लिए भटकता रह जाए। हालांकि इस मामले की जांच कर रहे फारबिसगंज के डीएसपी गौतम कुमार का मानना है पुलिस अपना काम कर रही है। बहरहाल दो माह में पुलिस की कार्रवाई से लोग सकते हैं। हालांकि मुंगेर व बिहपुर में पुलिस की कार्रवाई से लोग एक बार फिर अररिया में श्रुति सुसाइड मामले को याद कर रहे हैं। क्योंकि यहां भी सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप एक दारोगा पर ही लगा है।

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