लचर सरकारी व्यवस्था के कारण पैक्सों को किसान नहीं दे रहे धान

संसू फुलकाहा (अररिया) नरपतगंज प्रखंड के किसानों का पैक्स के प्रति मोहभंग हो गया है। अब

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:08 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:08 PM (IST)
लचर सरकारी व्यवस्था के कारण पैक्सों को किसान नहीं दे रहे धान
लचर सरकारी व्यवस्था के कारण पैक्सों को किसान नहीं दे रहे धान

संसू, फुलकाहा (अररिया): नरपतगंज प्रखंड के किसानों का पैक्स के प्रति मोहभंग हो गया है। अब तक पंचायत के पैक्सों में बेचे गए धान का भुगतान नहीं हो पाने के वजह से इस पैक्सों में धान बेचने से किसान कतरा रहे हैं। अभी तक दो हजार क्विटल धान 29 पैक्स ने खरीद की है। कितु उनका रुपया 1940 रुपया की दर से किसानों को प्राप्त नहीं हुआ है। किसान अब आनन फानन में दलालों के हाथ बारह सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धड़ाधड़ धान बेच रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकारी उदासीनता एवं बैंको द्वारा अपनाये जा रहे असहयोगात्मक रवैये के चलते नरपतगंज प्रखंड के किसान या तो पड़ोसी देश नेपाल या दूसरे राज्यों से आये धान के खरीददारों के हाथ धान बेचने को मजबूर है। अब तक जिन पंचायतों के पैक्सों में धान की खरीद हुई है उनमें पोसदाहा पैक्स, रामघाट कोशिकापुर पैक्स, मिरदोल, बबुआन पैक्स, रेवाही पैक्स, गौडराहा बिशनपुर, गोखलापुर, नाथपुर, तामगंज शामिल है। क्षेत्र के किसान सुधीर यादव, अगरचंद यादव, चंदेश्वरी यादव, रामचंद्र यादव, वीरेंद्र पटेल, शिवशंकर बिराजी, जीवानंद यादव, मु. इब्राहिम, निरंजन झा, अरुण सिंह, विवेक यादव, ललन सिंह, टीकू यादव, रंजन यादव, उज्ज्वल यादव आदि ने बताया कि भले हीं पैक्सों में अधिक दर पर धान खरीद हो रही है कितु नगद रुपया मिले तभी वो आगे की खेती में उसका उपयोग कर सकेंगे या साहूकारों को रुपया मूलधन व ब्याज के साथ दे पायेंगे। कितु पैक्सों को धान देने का मतलब अपने धन को पेंच में फंसा देने जैसा है। ऐसे में दलालों को कम कीमत में धान को देना हीं एक मात्र उपाय है। इधर नरपतगंज सहकारिता पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक बैंको के द्वारा पैक्सों को रुपया नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा जल्द ही पैक्सों को रुपये उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है।

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