सुरक्षित यातायात के लिए आधुनिक तकनीक का किया जाएगा उपयोग

अररिया। जिले में सुरक्षित यातायात की व्यवस्था कराना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। भले ही विभा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 07:19 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 07:19 PM (IST)
सुरक्षित यातायात के लिए आधुनिक तकनीक का किया जाएगा उपयोग
सुरक्षित यातायात के लिए आधुनिक तकनीक का किया जाएगा उपयोग

अररिया। जिले में सुरक्षित यातायात की व्यवस्था कराना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। भले ही विभागीय अधिकारी इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयास कर रहा हो लेकिन सड़कों पर लोगों की जानें सुरक्षित नहीं है। जिला प्रशासन के पास इससे निपटने के लिए कोई भी ठोस प्लान नहीं है। हालांकि विभागीय अधिकारी आधुनिक तकनीक व सीमित संसाधन के बावजूद इससे निपटने की बातें कह रहे हैं। जबकि सुरक्षित यातायात के लिए परिवहन विभाग व पुलिस के पास कोई सुनियोजित तैयारियां नहीं हैं, जिसका खामियाजा यात्री व सड़क पर चलने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सुरक्षित यात्रा को लेकर संबंधित विभागों के पास कोई विशेष रणनीति नहीं है। जिले में यातायात को लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई है। यातायात दुरुस्त नहीं होने के कारण आए दिन यात्रियों को जाम तथा सड़क दुर्घटना जैसी आम समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। शहर व अत्यधिक दुर्घटना वाले स्थानों पर न तो कोई सूचना पट है और न तो कोई ट्रैफिक सिग्नल है। अब तक न तो जिला परिवहन विभाग और न ही ट्रैफिक पुलिस सड़क सुरक्षा को लेकर कोई तैयारी की है। प्रशासन नहीं दिखता सजगता जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य अफजल हुसैन बताते है कि अबतक की तैयारी से ऐसा लगता है कि सड़क सुरक्षा की व्यवस्था को कारगर बनाने के लिए प्रशासन सजग नहीं है। सुरक्षित यातायात के लिए संसाधनों की कमी दूर करने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। यह व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे है। सरकार द्वारा संसाधन की कमी को दूर करने के लिए फिलहाल कोई प्रबंध नहीं किया गया है। शहर के चांदनी चौक, रजोखर बाजार, अस्पताल चौक आदि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर संकेतों व सिग्नल का नामों निशान नहीं है। किसी-किसी चौक चौराहे पर बिहार पुलिस के जवान ट्रैफिक को संभालते नजर तो आ जाते हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। पथ निर्माण विभाग द्वारा भी सड़कों के किनारे संकेत पट नहीं लगाए गए हैं, जिससे यातायात को सुरक्षित बनाने में कोई सहूलियत नहीं मिलती है। जबकि शहर में किसी तरह के ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है। जागरुकता का अभाव जिलें में दिन प्रतिदिन गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। आम लोंगों को विभाग द्वारा जागरूक करने के लिए जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं वह काफी नहीं है। कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर आयोजन करना होगा। सड़क सुरक्षा के प्रति आम लोगों में जागरूकता नहीं है। जो कई सवाल खड़े कर रहे हैं। इस दिशा में जिला प्रशासन गंभीरता से कदम उठाना होगा।

क्या है ट्रैफिक संकेत सड़क हादसे से बचने के लिए सड़क किनारे यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन) या सड़क संकेत (रोड साइन), सड़क या सड़क किनारे लगाए जाते है उसे ही ट्रैफिक संकेत कहते हैं। जिससे सड़क हादसे कम करने की दिशा में सराहनीय कदम होगा। सुरक्षित यातायात रोकने का हो रहा प्रयास जिला परिवहन पदाधिकारी विपिन कुमार यादव बताते हैं कि सुरक्षित यातायात के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। वाहनों की चेकिग से लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों को अर्थदंड भी लगाया जाता है। गाड़ियां भी सीज की जाती है। आधुनिक तकनीक का होगा प्रयोग विभागीय अधिकारी ने बताया कि सुरक्षित यातायात के लिए कई रणनीति बनाई जा रही है। आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। नई तकनीक को अपनाएगी। इसके लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप स्मार्ट तकनीकों को विकसित करने की योजना है। सड़क सुरक्षा को लेकर जानकारी व जागरूकता फैलाने के लिए इंटरनेट और एंड्राइड एप्लीकेशन का भी सहारा लिया जाएगा। हेलमेट, सीटबेल्ट, स्पीड गवर्नर और ब्रेथ अनालाय्जेर जैसे उपकरणों के व्यवहारिक उपयोग पर कार्य किया जा रहा है। वाहन चालकों और आम नागरिकों को जागरूक बनाने के लिए सभी हित धारकों, स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों, महिला एवं युवक मंडलों को जागरूकता अभियानों में शामिल किया जाएगा।

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