गांव की गलियों में गूंज रहा चुनावी शोर, 'कनी हमरो पर ध्यान रखियह'
अररिया। रेणु की परती परिकथा की भूमि पर अब चुनावी तपिश जोर पकड़ने लगी है। पंचायत चुनाव
अररिया। रेणु की 'परती परिकथा' की भूमि पर अब चुनावी तपिश जोर पकड़ने लगी है। पंचायत चुनाव की 'शोर' से जिले के गांवों की गलियां गूंज रही है। गांव जवार में प्रत्याशियों की चहल पहल काफी बढ़ गई है। जहां भरगामा में बुधवार को होने वाले चुनाव को लेकर प्रत्याशी 'डोर टू डोर' जनसंपर्क कर बूथ मैनेजमेंट में जुट गए हैं। वहीं जिले के अन्य प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से हो रहे मतदान को लेकर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व संभावित प्रत्याशियों का प्रचार-प्रसार अभियान भी जोरों पर है। मुखिया, जिप सदस्य, सरपंच, सदस्य, पंच व पंचायत समिति सदस्य पद के उम्मीदवार अपने- अपने चुनावी आभियान को पुरी मुस्तैदी के साथ आगे बढ़ाने में दिन रात एक कर जुटे है। सभी अपने- अपने हिसाब से मतदाताओं को लुभाते नजर आ रहे है।कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते। किसी की निगाहें विकास की बात पर तो कोई जातीय समीकरण पर नजर टिकाएं है। कई ऐसे भी है जो पांच वर्ष मुफ्त सेवा का' प्रसाद' जनता से मांग रहे है। चुनाव प्रचार के ऐसे कई रंग देखने को मिल रहा है। हर आने जाने वालों की पूछ बढ़ गई है। चाय पान की गुमटियों में भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है। चाहे 'आम' हो या 'खास' सबकी उठकी बैठकी साथ है। इस दौर में 'कनी हमरो पर ध्यान रखियह' जैसे प्रेम की भाषा भी फिजा में खूब तैर रही है। आश्विन माह में अनचाही तपती धूम के बावजूद गांव- टोले के विभिन्न चौक- चौराहों, हाट- बाजारों में 'प्रणाम', 'आशीर्वाद' के साथ साथ 'दुआ सलाम' का भी खूब दौर चल पड़ा है। एनएच 57 से सटे वरदाहा लाइन चौक पर एक प्रबुद्ध दूसरे प्रबुद्ध से कहते है कि भई आज कल तो सिर्फ दुआ सलाम व प्रणाम ही होता है। जो भी हो पर चाहे गांव की गलियां हो या चौपाल, चौक चौराहे हो या फिर हाट बाजार सबके सब चुनावी रंग में रंगने लगा है।