हाथी के खौफ में बीती रात, दो घरों का बुझाया चिराग

अररिया। नरपतगंज प्रखंड के भारत नेपाल सीमावर्ती इलाके में गुरुवार की रात ग्रामीणों का दहशत के बीच गुजरा। हर समय डर लग रहा था कहीं फिर से हाथी वापस न आ जाए। हालांकि इस दौरान हाथी ने दो को मारकर दहशत फैला दिया। दोनों घरों में दूसरे दिन भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:47 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:47 PM (IST)
हाथी के खौफ में बीती रात, दो घरों का बुझाया चिराग
हाथी के खौफ में बीती रात, दो घरों का बुझाया चिराग

अररिया। नरपतगंज प्रखंड के भारत नेपाल सीमावर्ती इलाके में गुरुवार की रात ग्रामीणों का दहशत के बीच गुजरा। हर समय डर लग रहा था कहीं फिर से हाथी वापस न आ जाए। हालांकि इस दौरान हाथी ने दो को मारकर दहशत फैला दिया। दोनों घरों में दूसरे दिन भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था।

विदित हो कि गुरुवार को उस समय दहशत फैल गई जब ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि एक हाथी गांव की तरफ देखा गया है। आनन-फानन में ग्रामीणों ने एकजुट होकर हाथी को खदेड़ने की कोशिश की। साथ ही इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर वन विभाग की टीम ने आकर हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ने की कोशिश की। हालांकि जंगली हाथी को देखने की उत्सुकता में ग्रामीण काफी संख्या में सड़क पर दिखे। गुरुवार को नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के मानिकपुर से अमरोरी होते हुए नवाबगंज, भोड़हर क्षेत्र में प्रवेश किया। अमरोरी में एक ट्रैक्टर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया और मानिकपुर वार्ड संख्या 15 महतो टोला में राजू महतो के 10 वर्षीय पुत्र छोटू कुमार को कुचल दिया और फिर भोड़हर के तरफ जाकर खेत में काम कर रहे एक किसान को भी मार दिया। दोनों का मौके पर ही मौत हो गई। भगाने के दौरान हाथी ने हमला कर एक युवक को जख्मी कर दिया। युवक को सूढ़ से उठाकर जमीन पर पटक दिया। मौजूद लोगों ने शोर मचाकर हाथी को वहां से भगाया। तब जाकर युवक को जख्मी हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। प्रशासन शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को स्वजनों को सौंप दिया।मृत परिवार के स्वजनों का रो रोकर बुरा हाल है।

वहां से विचरण करते हुए हाथी विभिन्न ग्रामीण इलाकों में जमकर उत्पात मचाया। जंगली हाथी के खौफ से नरपतगंज प्रखंड के ग्रामीण भी रात भर जागते रहे। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हाथी आने की सूचना से लोग परेशान रहे। हाथी के इस हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सभी ग्रामीण अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर में कैद कर रखे हैं। ताकि हाथी आ भी जाए तो घर में बच्चे सुरक्षित रहेंगे। फुलकाहा के दुकानदार अपना अपनी दुकानें बंद करके भाग गए। हालांकि हाथी को भगाने के लिए वन विभाग की टीम देर रात ही सक्रिय हो गई है। फुलकाहा एसएसबी बीओपी प्रभारी दुर्गेश कुमार पांडेय फुलकाहा थानाध्यक्ष हरेश तिवारी, बथनाहा ओपी अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, जोगबनी पुलिस एवं अररिया वन अधिकारी पूरे दिन से लेकर रात तक क्षेत्र में कैंपिग करते रहे। हाथी को नेपाल में प्रवेश कराने को लेकर वन अधिकारी ने क्षेत्र में पटाखा भी फोड़ा । हाथी भगाने के लिए और अपनी जानमाल की सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों ने आग जलाकर रात भर पहरा दिया। शुक्रवार की अहले सुबह जोगबनी होते हुए नेपाल के विराटनगर रोते हुए मोरंग जिला में प्रवेश कर गया। यहां तक कि अररिया एसपी हृदय कांत ने हाथी को नशा का सुई लगाने का भी आर्डर दे दिया था।

मानिकपुर, अमरोरी, फुलकाहा, चेनपुर, चकोड़वा, जीमराही सहित कई गांव के खेत में लगे ़फसल को क्षतिग्रस्त कर दिया। लोग जान के डर से हाथी को फसल बर्बाद करने को छोड़ दिया। वहीं सैकड़ों पेड़ पौधे को उखाड़ दिया। कई फल लगा आम के पेड़ को उखाड़ दिया।

इस संबंध में फुलकाहा थानाध्यक्ष हरेश तिवारी ने बताया कि मृतक बच्चे व युवक का पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके स्वजनों को सौंप दिया गया है। इधर स्थानीय ग्रामीणों ने अररिया जिला पदाधिकारी से मृतक के स्वजनों को मुआवजा राशि दिए जाने की मांग की है।

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दोनों मृतक के आश्रितों को मिलेगा पांच-पांच लाख रुपये

अररिया। अररिया के डीएफओ नरेश कुमार ने बताया कि हाथी के हमले से मरे मासूम व युवक के परिजन को मुआवजा राशि दिया जाएग। उन्होंने बताया कि इसके लिए परिजन को आवेदन के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट व प्राथमिकी की कॉपी जमा करना होगा। कागजात जमा होने के बाद आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मुआवजा राशि दिया जाएगा। वहीं जिन घरों को हाथी ने क्षतिग्रस्त किया है। उसके लिए सीओ के जांच के बाद उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त होने पर किसी तरह का मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है।

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