समाज सेवा को ही धर्म मानते थे नेहरू जी

अररिया। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बाल दिवस पर गुरुवार को बिह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 09:29 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 09:29 PM (IST)
समाज सेवा को ही धर्म मानते थे नेहरू जी
समाज सेवा को ही धर्म मानते थे नेहरू जी

अररिया। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती, बाल दिवस पर गुरुवार को बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्थानीय द्विजदेनी हाई स्कूल चौक स्थित बाल ज्ञान विद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमंत यादव शशि ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. डीएल दास दिव्यांशु उपस्थित रहे। पंडित नेहरू की तस्वीर पर उपस्थित अतिथियों तथा बच्चों द्वारा श्रद्धासुमन अर्पण के उपरांत मुख्य अतिथि डा. दिव्यांशु ने पंडित नेहरू के बारे में कहा कि उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित मोती लाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी था। नेहरू जी को 15 वर्ष की उम्र में पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा गया था, जहां उन्होंने हेरो स्कूल एवं ट्रेनरी कॉलेज, कैंम्ब्रिज में अपनी शिक्षा दीक्षा पूरी की। वहीं सभाध्यक्ष हेमंत यादव ने कहा कि पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को पंडित नेहरू ने काफी जागरूक किया था। इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू बुलाते थे। एकबार उन्हें किसी बच्चे ने गुलाब का एक फूल दिया तो उस फूल को उन्होंने अपने कोट पर लगा लिया। विद्यालय के प्राचार्य परितोष कुमार ने कहा कि पंडित नेहरू को 1955 में राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया था। विश्व ने उन्हें एक महान राजनीतिज्ञ तथा मानवतावादी नेता माना है। कार्यक्रम के संचालन कर रहे विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि नेहरू जी की भारतीय राजनीति एवं सामाजिक चितन उनकी प्रमुख विशेषता थी। शिक्षाविद हर्ष नारायण दास ने कहा कि नेहरू जी की दो पुस्तकें बहुत चर्चित हुई। भारत एक खोज तथा पिता का पत्र पुत्री के नाम। वहीं अरविद ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि नेहरू जी ने हमेशा समाज सेवा को अपना धर्म माना। उपस्थित बच्चों ने भी नेहरू जी पर कविताएं सुनाई। इस अवसर पर अभिनव कुमार, अंजली कुमारी, श्वेता कुमारी, अशोक पासवान, प्रियांशु कुमार के साथ दर्जनों बच्चे उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के गायन के साथ हुआ।

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