भारत-नेपाल प्राइवेट कार्गो ट्रेन ऑपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का कर सकेंगे इस्तेमाल

इस समझौते के तहत दोनों देशों के सभी प्राइवेट कार्गो ट्रेन आपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का इस्ते

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 09:35 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 09:35 PM (IST)
भारत-नेपाल प्राइवेट कार्गो ट्रेन ऑपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का कर सकेंगे इस्तेमाल
भारत-नेपाल प्राइवेट कार्गो ट्रेन ऑपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का कर सकेंगे इस्तेमाल

इस समझौते के तहत दोनों देशों के सभी प्राइवेट कार्गो ट्रेन आपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे।

भारत नेपाल रेल सेवा समझौता के 17 वर्ष के बाद 51 संशोधन

संसू, जोगबनी (अररिया): भारत व नेपाल के बीच रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को 17 वर्ष के बाद नए समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के तहत दोनों देशों के सभी प्राइवेट कार्गो ट्रेन आपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे। अभी तक इसका एकाधिकार सिर्फ सरकारी कंपनी कोनकोर ही करती थी। समझौते के तहत दोनों देश किसी तीसरे देश में माल के निर्यात या आयात के लिए भी रेल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे।

नेपाल के निर्यातक प्राइवेट ट्रेन के जरिये अपना माल भारतीय बंदरगाहों तक पहुंचा सकेंगे। भारत और नेपाल के बीच रेल संपर्क समझौता 2004 में हुआ था लेकिन उसके बाद कई मौकों पर इसमें संशोधन होता रहा है। समझौते में हर पांच वर्ष में समीक्षा का प्रविधान है, जिससे कि उसमें आवश्यकता के अनुसार बदलाव किए जा सके शुक्रवार को हुए समझौते से दोनों देशों के रेल नेटवर्क के विकास में मदद मिलेगी और उसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी भी होगी।

यह समझौता भारत की पड़ोसी प्रथम की नीति के तहत क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने की कोशिशों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि दोनों देशों की सरकारों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई बैठक में भारत-नेपाल रेल सेवा समझौता के लिए हस्ताक्षर किए हैं। बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व रेल मंत्रालय के सदस्य (परिचालन एवं व्यवसाय विकास) संजय कुमार मोहंती ने किया। आधिकारिक बयान में बताया गया है कि इस समझौते के तहत निजी और सरकारी दोनों क्षेत्र के कंटेनर रेल, वाहन ढोने वाली ट्रेनों, विशेष माल गाड़ियों को भारत और नेपाल में रेल के नेटवर्क का इस्तेमाल करने की छूट होगी। यही नहीं नेपाल रेलवे कंपनी के वैगनों को भारतीय बंदरगाहों पर सामान को लाने ले जाने के लिए भारतीय रेल के नेटवर्क की सहूलियत होगी। इस करार को क्षेत्रीय रेल संपर्क बढ़ाने के भारत के प्रयासों में मील का पत्थर बताया जा रहा है।

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