मानव शरीर नाशवान है नश्वर : स्वामी सत्यप्रकाश बाबा
संसू बथनाहा (अररिया) नरपतगंज प्रखंड के सोनापुर बाजार स्थित संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित ती
संसू, बथनाहा (अररिया): नरपतगंज प्रखंड के सोनापुर बाजार स्थित संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सत्संग अधिवेशन के दूसरे दिन बुधवार की प्रात:कालीन सत्र को संबोधित करते हुए स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि मानव शरीर नाशवान है नश्वर है। उन्होंने कहाकि परमात्मा वाणी से परे है। वह सर्वव्यापक है। इस नाशवान शरीर में जो अविनाशी सत्ता है जो ज्ञानस्वरूप है जो सूक्ष्मरूप है। वास्तव में इस ज्ञानतत्व को जो जानता है वही ज्ञानी है। शरीर का ज्ञान, इंद्रियों का ज्ञान, विषयों का ज्ञान और जो इस शरीर इंद्रियों से परे जो चेतनस्य चेतन है, चेतना को जो चेतना प्रदान करने वाला है वही आत्मज्ञान है वही परमात्मा है। उन्होंने कहाकि वास्तव में हम अपनी 14 इंद्रियों के माध्यम से संसार को जानते हैं और इन्हीं इंद्रियों के माध्यम से हम उस परमपिता परमात्मा को भी जानना चाहते हैं। जबकि ये इंद्रिया तो स्थूलतत्व है और परमात्मा सूक्ष्मातिसूक्ष्म है। इन इंद्रियों में इतनी सामर्थ्य नहीं कि वह इस सूक्ष्मातिसूक्ष्म अनन्त परमात्मा को अनुभव कर सके ग्रहण कर सके। अगर हम उस परमात्मा को जानना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने आपको जानना होगा। अपनेआप को जानोगे तो स्वयं उस परमात्मा को ग्रहण कर लोगे क्योंकि तुम स्वयं उस परमसत्ता परमात्मा का अंश हो। तुममें वह सामर्थ्य है कि उस परमात्मा को ग्रहण कर लो, तुम्हारी इंद्रियों में वह सामर्थ्य नहीं वह परमात्मा को ग्रहण कर सके। उन्होंने कहाकि कबीर साहेब गुरुनानक साहेब ने कभी कलम नहीं छुआ मगर जब वह अंदर से बोलते थे तो उनका ब्रह्मज्ञान झलकता था। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि स्वयं को जाननेवाला हीं परमात्मा को पहचानेगा। उन्होंने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने कहा है कि ईश्वर की नित्य नियमित उपासना की जानी चाहिए। तो स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि सबको सत्ता देने वाला ईश्वर स्वयं सर्वाधार निराधार अविनाशी है। इससे पूर्व राम बाबा, बुद्धिनाथ बाबा, सुरबाबा एवं अशोक बाबा ने भी अधिवेशन को सम्बोधित किया। जबकि संचालन प्रो लखन लाल यादव के द्वारा किया गया। मौके पर सोनापुर पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया कृत्यानन्द राम, संतमत सत्संग समिति के अध्यक्ष प्रो कृष्ण लाल यादव, उपाध्यक्ष संजय यादव, सचिव महानन्द साह, उप सरंक्षक राजेन्द्र प्रसाद भगत सहित भारी संख्या में सत्संग प्रेमी मौजूद थे।