हर एक पद पर घमासान मचने की तैयारी, संभावित उम्मीदवार बनाए हुए हैं पैनी नजर

संसू सिकटी (अररिया) इस बार के पंचायत चुनाव में हर एक पद पर घमासान मचने की तैयारी चल र

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 12:43 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 01:44 AM (IST)
हर एक पद पर घमासान मचने की तैयारी, संभावित उम्मीदवार बनाए हुए हैं पैनी नजर
हर एक पद पर घमासान मचने की तैयारी, संभावित उम्मीदवार बनाए हुए हैं पैनी नजर

संसू, सिकटी (अररिया): इस बार के पंचायत चुनाव में हर एक पद पर घमासान मचने की तैयारी चल रही है। संभावित उम्मीदवार हर एक पद पर पैनी नजर बनाए हुए है। सबसे कम उम्मीदवार के नाम से मशहूर पद सरपंच के लिए भी इस बार उम्मीदवारों की बाढ़ है। पंचायती राज में बदलाव और सरपंच के शक्तियों में की गई बढ़ोतरी के कारण इस पद को लेकर भी लोगों में खासी दिलचस्पी दिख रही है। दरअसल सरकार ने आसन्न पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने से ठीक पहले पंचायती राज में बड़ा बदलाव का एलान किया जिसमें ग्राम कचहरी के सरपंच के शक्तियों में इजाफा किया गया। कई तरह के विकास कार्यों में भी सीधे तौर पर इनकी भूमिका सुनिश्चित कर दी गई है जिससे इस चुनाव में सरपंच का पद भी अब महत्वपूर्ण हो चुका है। इससे पूर्व सरपंच की दखलंदाजी विकास कार्यों में नहीं थी। न्याय व्यवस्था तक ही सीमित रहने के कारण सिर्फ गिने-चुने लोग ही इस पद के उम्मीदवार होते थे। लोगों का मानना था कि आखिर सरपंच बन ही गए तो इससे 5 वर्ष में मिलने वाला ही क्या है। अपने घर ़का आटा गीला कर दिन भर लोगों के बीच के विवादों को सिर्फ सुलझाना। वही अधिकार सीमित होने के कारण वे बड़ा फैसला भी नहीं ले सकते थे। अब इनकी शक्तियों को बढ़ाए जाने के कारण इस पद के लिए लोगों की दिलचस्पी बढ़ने लगी है। परिणाम है इस बार मुखिया की तरह सरपंच पद का मुकाबला भी काफी दिलचस्प होने वाला है, और प्रत्याशियों की संख्या पहले की अपेक्षा बढ़ी है।

-सरपंच के अधिकारों में इजाफा-

इससे पहले सरपंच को ग्राम कचहरी के माध्यम से गांव के छोटे-मोटे झगड़ा को सुलझाने तक की शक्ति मिली हुई थी। अब सरपंच के इस अधिकार में इजाफा किया गया है अब इनके जिम्मे सड़कों के रखरखाव से लेकर सिचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ाने जैसी जिम्मेवारी होगी। इसके अलावा ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने के अलावा पंचायतों के विकास कार्यों के लिए दी गई राशि की निगरानी करने के साथ-साथ ग्राम पंचायत के विकास कार्य योजना बनाने एवं प्रस्ताव को लागू करने की जिम्मेदारी भी रहेगी। ग्राम पंचायत की अन्य योजनाओं पर भी ध्यान रखने की शक्ति इन्हें प्रदान की गई है।

--वार्ड सदस्य पद भी होड़ में शामिल---

इस बार के पंचायत चुनाव में मुखिया और सरपंच के बाद किसी पद को लेकर मारामारी है तो वह है वार्ड सदस्य। दरअसल गत पंचवर्षीय काल में सरकार ने अपनी ड्रीम योजना हर गली पक्की सड़क योजना में वार्ड सदस्यों की भूमिका सीधे तौर पर सुनिश्चित की थी। इसमें वार्ड क्रियान्वयन समिति के माध्यम से योजना को पूरा किया जाना था। वार्ड सदस्यों को मिले इस अधिकार से इस चुनाव में वार्ड सदस्य बनने को लेकर भी काफी होड़ मची हुई है। एक तो निर्वाचन क्षेत्र छोटा होने के कारण इस चुनाव को लड़ने में खर्च भी कम पड़ता है और योजना में सीधे-सीधे हस्तक्षेप रहने के कारण कमाई भी अच्छी खासी हो जाती है परिणाम है कि वार्ड सदस्य बनने के लोगों में होड़ मची हुई है। एक-एक वार्ड से दस से ऊपर की संख्या में अपनी उम्मीदवारी की ताल ठोक रहे हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार-सिकटी बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी (पंचायत) राकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर 800 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। 800 से अधिक मतदाताओं वाले केंद्र पर सहायक बूथ की व्यवस्था की गई है। चुनाव आयोग के निर्देश पर हर बूथ पर चार ईवीएम निर्धारित की गई हैं। मतदाताओं की संख्या को निर्धारित करने की वजह कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करना है।

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