नूना नदी का पानी हटने के बाद दिखने लगा बर्बादी का मंजर

संसू सिकटी(अररिया) सिकटी प्रखंड के पूर्वी भाग होकर बहने वाली नूना नदी के बाढ़ से प्रभ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 11:59 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 11:59 PM (IST)
नूना नदी का पानी हटने के बाद दिखने लगा बर्बादी का मंजर
नूना नदी का पानी हटने के बाद दिखने लगा बर्बादी का मंजर

संसू, सिकटी(अररिया): सिकटी प्रखंड के पूर्वी भाग होकर बहने वाली नूना नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र सालगोड़ी,कचना एवं अन्य टोले से पानी हटने के बाद बर्बादी में मंजर नजर आने लगा है।पिछले तीन माह मे चौदह बार बाढ़ के हालात यहां के लोगों ने झेला है।नूना की नई धारा से सालगोड़ी, कचना,राजवंशी टोला,अंसारी टोला,औलाबाड़ी, बगुलाडांगी छपनिया में तबाही हुई। अब जिले में प्रभारी मंत्री आलोक रंजन के आने से सरकारी सहायता की उम्मीद जगी है। सैकड़ो एकड़ उपजाऊ भूमि रेत के मैदान बन गए या फिर नई धारा का खुला पानी इसी खेत होकर बह रहे हैं।जिलाधिकारी स्वयं इस इलाके का भ्रमण कर नाव में बैठकर हालात को देखे लेकिन इसके बावजूद प्रभावित परिवारों को किसी प्रकार की सहायता नही मिली।सांसद,जिप अध्यक्ष भी इन गांवों का दौरा कर केवल आश्वासन तक ही दे पाये।सरकार के बाढ़ की परिभाषा शायद इन पीड़ितों के लिए कम प्रभाव ही डाल पायी।स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मो ताहीर,पूर्व मुखिया मो इसहाक, जैनुद्दीन, मुख्तार,शोएब आलम,ने इलाके के दर्द को बांटते हुए बताया कि गत साल नूना नदी की बदली धारा से ये इलाका तबाह हो गया है।तीन माह मे चौदह बार बाढ़ आई।सड़क,पुलिया ध्वस्त हो गया।आवागमन की असुविधा है।तीन माह से लोग चापाकल से निकल रहे दूषित जल का सेवन करने को मजबूर हुई है।उपजाऊ खेत एवं तालाब बालू के मैदान बन कर रह गए है।जमींदार की हालत मजदूरों सी हो गई।ऐसे में जीवन जीने को मजबूर हैं।अंसारी टोला जाने सड़क ध्वस्त हुई।जिलाधिकारी नाव पर चढ़कर टोले तक गए लेकिन केवल सहायता का आश्वासन देकर ही गए।राजवंशी टोले के दर्जनो परिवार के आंगन दरवाजे से तीन माह पानी नही हटा।फिर भी प्रशासन उसे बाढ़ नही मानी।अब सब कुछ बर्बाद हो जाने से आगे के जीवन यापन में कठिनाई है।जब तक नदी को वापस पुरानी धारा में नहीं भेजा जाएगा।ये हालत हर साल होगी।कचना के रागीव अनवर,मुजफ्फर हुसैन आदि ने बताया कि राजवंशी टोले के एक दर्जन परिवार के आंगन दरवाजे पर तीन माह से पानी जमा है।जिसके बढ़ने से वो घर तक चला गया है।इन परिवारों को पीने का पानी भी बाहर से लाना पड़ता है।अंसारी टोले के इलताफ ने बताया कि हर बार मेरे आंगन मे पानी घुसता है।पूरे टोले की यही हालत है।बार बार बाढ़ आने से खेती पूरी तरह चौपट है।जब जब सड़क पर पानी चढ़ा फिर नाव का ही सहारा है।बार बार ये हालात से लोग तंग वो तबाह है।मजबुरी मे ऐसे ही जीने को विवश हैं।सालगोड़ी,कचना,अंसारी टोला,बगुलाडांगी, छपनिया,औलाबाड़ी नूना की नई धारा से विगत तीन माह से इसी हाल मे जी रहे है।खेत एवं खलिहान मे रखे सुखे घास डूबे जाने का कारण मवेशी को चारा नही मिल रहा है।इस हालात मे जी रहे लोगों को अब तक सरकारी सहायता नही मिली है। लोगों का कहना है कि जब तक नदी की धारा मोड़ी नही जाएगी ये हालात बार बार आते रहेंगे।अब इससे कब निजात मिलेगा ये तो समय ही बताएगा।

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