दूसरे दिन हुई मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, मां से मांगी मन्नतें

लीड: नवरात्र के दूसरे दिन हुई मां ब्रह्मचारिणी की पूजा फोटो नंबर 08 एआरआर 17 व 18, 19 जासं, अररि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 12:14 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 12:14 AM (IST)
दूसरे दिन हुई मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, मां से मांगी मन्नतें
दूसरे दिन हुई मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, मां से मांगी मन्नतें

लीड: नवरात्र के दूसरे दिन हुई मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

फोटो नंबर 08 एआरआर 17 व 18, 19

जासं, अररिया: शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ की। दुर्गा मंदिरों में पूजन-अर्चन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने मां से मन्नतें मांगी। शहर के मां खड्गेश्वरी मंदिर में नवरात्र के दूसरे दिन भी मां का दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग लाइन में लगकर मां की पूजा अर्चना की। नवरात्र के दूसरे मंदिर में नानू बाबा ने आरती की। इस दौरान काफी संख्या में पुरूष व महिलाएं पहुंचे हुए थे। मंदिरों में पूजा करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। महिलाएं व पुरूष नौ दिनों का उपवास रख रहे है। जगह जगह सप्तशती का पाठ हो रहा है। माहौल पूरी तरह से भक्तिमय बन गया है। लोग अपने अपने घरों की सुबह घर की साफ सफाई कर पूजा अर्चना में लग जा रहे है। मां का दर्शन के लिए भक्तों की काफी लंबी भीड़ लग रही है। वहीं श्रद्धालु मां का प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही मंदिर से निकल रहे हैं। लगातार पूजा करने का सिलसिला जारी है। सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना वायरस को लेकर लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। इस बार पिछले वर्ष की तुलना में काफी चहल पहल देखी जा रही है। पूजा कमेटी के सदस्यों का कहना है कि अभी सरकार द्वारा किसी प्रकार की गाइड लाइन नहीं जारी की गई है। फिर अपने को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को मास्क पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें। साथ दुर्गापूजा के दौरान मां का दर्शन करने के लिए मास्क लगाकर ही जाने की अनुमति दी जाएगी। वहीं लोग अपने अपने घरों में मां दुर्गा का पाठ कर रहे हैं। मां के भक्तों ने कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए मां दुर्गा से आराधना की। बाजारों में एक से बढ़कर एक लाल चुनरी से दुकानें पट गई है।

संसू फारबिसगंज के अनुसार नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है।

मां ब्रह्मचारिणी के नाम का अर्थ- ब्रह्म मतलब तपस्या एवं चारिणी का अर्थ आचरण करने वाली देवी। मां ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्षमाला और कमंडल सुसज्जित हैं। मां का सच्चे मन से पूजन किया जाए तो व्यक्ति को ज्ञान सदाचार लगन, एकाग्रता और संयम रखने की शक्ति प्राप्त होती है। शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को शहर के विभिन्न पूजा स्थल सहित मंदिरों में मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा अर्चना की गई।

पूजा अर्चना के जरिये श्रद्धालुओं ने माता से ज्ञान सदाचार, लगन, एकाग्रता,संयम शक्ति रखने की कामना की। शहर के प्राय: पूजा स्थलों एवं मंदिरों में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तो की भीड़ लगी रही।

शहर के गोदना ठाकुरबाड़ी,बड़ा शिवालय,गोढियारे चौक पूजा समिति, बा•ार समिति, चौहान टोला, सुल्तान पोखर पूजा समिति, पुस्तकालय परिसर, स्टेशन परिसर, काली मेला रोड, अस्पताल रोड (रेलवे गुमटी),पुराना इंडियन आयल डिपो, काली मंदिर परिसर, हाई स्कूल रोड पूजा समिति, छूआपट्टी पूजा समिति, बंगाली टोला, भट्टाबाड़ी पूजा समिति आदि स्थानो पर मां दुर्गा की के दूसरे स्वरूप की आराधना को लेकर भक्तों की भीड़ अहले सुबह से लगी रही।

संसू, पलासी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में दुर्गापूजा को लेकर नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को माता भगवती के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा- अर्चना भक्तिमय माहौल में की गयी। इस क्रम में प्रखंड मुख्यालय के काली मंदिर स्थित भगवती मंदिर, धर्मगंज, कनखुदिया, बलुआ ड्योढी़, भटवार, किसान चौक, खपड़ा, फूलसरा आदि गांवों में पूजा - अर्चना व दुर्गा सप्तशती पाठ को लेकर माहौल भक्तिमय बना हुआ है।

संसू सिकटी के अनुसार नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की गई। माता का यह स्वरुप अपने दाएं हाथ में माला और अपने बाएं हाथ में कमंडल धारण करती हैं। घर में स्थापित कलश के बीच तथा देवी मंदिरों में सुबह से हीं श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया गया। माता के नाम का पहला अक्षर ब्रह्म होता है जिसका मतलब होता है तपस्या और चारिणी का मतलब होता है आचरण करना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 1000 वर्ष तक कठोर तपस्या की थी।जिसकी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। इस दिन जो साधक विधि -विधान पूर्वक देवी के इस स्वरूप की पूजा अर्चना करता है उसकी कुंडलिनी शक्ति जागृत हो जाती है। मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र के मंदिरों में लोग सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर पहुंच गए थे। श्रद्धालुओं ने फूल चढ़ाएं दीपक जलाए और पूजा अर्चना कर माता से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

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