चातुर्मास संपन्न होने के पश्चात फारबिसगंज से साध्वी का हुआ मंगल बिहार

संवाद सूत्र फारबिसगंज (अररिया) फारबिसगंज के तेरापंथ भवन में चातुर्मास एवं एक दिन के स्थान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 11:53 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 11:57 PM (IST)
चातुर्मास संपन्न होने के पश्चात फारबिसगंज से साध्वी का हुआ मंगल बिहार
चातुर्मास संपन्न होने के पश्चात फारबिसगंज से साध्वी का हुआ मंगल बिहार

संवाद सूत्र, फारबिसगंज (अररिया): फारबिसगंज के तेरापंथ भवन में चातुर्मास एवं एक दिन के स्थानीय निवासी बच्छराज राखेचा के निवास में प्रवास के बाद आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी डा. पीयूष प्रभा का फारबिसगंज शहर से मंगल विहार हुआ। मालूम हो कि तेरापंथ भवन से साध्वी श्री का विहार दिनांक 20 तारीख को हो गया था। तत्पश्चात उनका प्रवास एक दिन के लिए बच्छराज राखेचा के यहां रहा। इस एक दिन के प्रवास में श्रद्धालु श्रावकों का तांता लगा रहा। प्रात: सुबह जब साध्वी की मंगल वहार का समय हुआ तो बड़ी संख्या में जैन धर्म के अनुयायियों का हुजूम उमड़ पड़ा। मौके पर राखेचा परिवार ने विदाई गीत गाकर साध्वी को मन भावनाएं प्रेषित की। जिसके बाद हर्षोउल्लास व जोर शोर नारों के साथ 21 का चौमासा संपन्न हुआ। इस दौरान आचार्य श्री महाश्रमण जी की जय जयकारे के नारे गूंजते रहे। जुलूस के रूप में अनुयायी साध्वी के मंगल विहार में सड़क पर निकले हुए नजर आए। इस अवसर पर ज्ञानशाला के छोटेछोटे बच्चे, कन्या मंडल, महिला मंडल एवं युवक परिषद एवं सभा के सदस्यों ने पूरे जोर-शोर के साथ साध्वी वृंद की पदयात्रा में अपनी सहभागिता दी और रास्ते की सेवा की। लगभग सात किलोमीटर का यह विहार बथनाहा पहुंचकर संपन्न हुआ और इस बीच बच्चों ने अति उत्साह दिखाया। यह क्षण सबके लिए अविस्मरणीय बन गया। जैन समाज के अनुयायियों ने कहा कि चार महीने के प्रवास में साध्वी वृंद ने अपने सर्वस्व तन मन से समाज को संभाला और उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान किया। फारबिसगंज वासियों के लिए यह शुभ अवसर था कि अपनी भावनाएं अपने तरीके से सशक्त माध्यम से प्रेषित कर सके। मौके पर जैन अजैन सबों ने साध्वी श्री के मंगल विहार की मंगल कामनाएं प्रेषित की है।

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