किसानों के डूबे धान कैसे होंगे पूरे अरमान

संसू जोकीहाट (अररिया) अररिया जिले का अधिकांश भाग धान की खेती के लिए जाना जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 12:16 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 12:16 AM (IST)
किसानों के डूबे धान कैसे होंगे पूरे अरमान
किसानों के डूबे धान कैसे होंगे पूरे अरमान

संसू, जोकीहाट, (अररिया): अररिया जिले का अधिकांश भाग धान की खेती के लिए जाना जाता है। यहां के किसान कितने भी नई नई फसलें उगा ले लेकिन आज भी धान ही मुख्य फसल है। खास बात यह कि धान की खेती से किसान अपने परिवार का पेट भरते ही है साथ ही साथ मवेशियों के चारे भी धान के सूखे पुआल से साल भर आपूर्ति आसानी से हो जाती थी। इसके अतिरिक्त बच्चों की पढ़ाई लिखाई, बेटी की शादी सबकुछ धान की फसलें बेचकर ही किसान करते हैं। यहां तक की रबी फसल गेहूं, दलहन तिलहन की बुआई भी धान बेचकर करते हैं। लेकिन अक्टूबर माह में आई भीषण बाढ़ के कारण किसानों के अरमान इस वर्ष पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। केसर्रा, बाराइस्तबरार, हरदार, पथराबाड़ी, दभड़ा, गिरदा, चकई, कुरसेल, गैरकी, तारण, काकन, बगडहरा, डूबा, भंसिया, भगवानपुर, प्रसादपुर, चौकता, भूना मजगामा, पछियारी पिपरा आदि पंचायतों में बाढ़ की भीषण त्रासदी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। गैरकी गांव के किसान उपेंद्र यादव ने बताया कि इस वर्ष धान बहुत बढि़या था। मन ही मन काफी खुश थे। लेकिन बाढ़ ने सारी खुशियां छीन ली। कजलेटा गांव के हाजी मोजीबुर्रहमान ने बताया कि दस वर्षों में इतनी अच्छी धान खेतों में नहीं लगी थी लेकिन बाढ़ ने सबकुछ छीन लिया। ललिया गांव के अय्यूब, खुट्टी के अब्बूलाल मंडल ने बताया कि इस बार धान की खेती जमकर हुई थी। धान बेचकर बेटी की शादी कराने का सोच रहा था लेकिन सारे अरमान बाढ़ के पानी में डूब गया। दो वर्षों से कोरोना ने मार दिया अब किसी तरह उबरे तो बिन मौसम आई बाढ़ ने पूरी कर दी।

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