सिकटी में दिखने लगा है बकरा व नूना का रौद्र रूप

संसू सिकटी (अररिया)-सिकटी मे बकरा और नूना नदी के जल स्तर मे बुधवार की रात तथा गुरु

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 12:28 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 12:28 AM (IST)
सिकटी में दिखने लगा है बकरा व नूना का रौद्र रूप
सिकटी में दिखने लगा है बकरा व नूना का रौद्र रूप

संसू, सिकटी (अररिया):-सिकटी मे बकरा और नूना नदी के जल स्तर

मे बुधवार की रात तथा गुरुवार को कमी आने से लोगों को राहत मिली है लेकिन

पानी मे डुब जाने के कारण खेतों मे काटकर रखे धान की फसल बर्बाद हो गई

है। बकरा के कटान से डैनिया मे कई घर नदी में समा गए है।नूना का पानी से सड़क

कई जगह कट चुकी है।मवि कचना मे अब भी पानी भरा हुआ है।कचना से सालगोड़ी के

बीच आज भी सड़क का पता नहीं है।दूर दूर तक सिर्फ जल प्लावित है।कठुआ से सालगोड़ी जाने वाली सड़क पुल के निकट कट गई है।इस बार के पानी से सभी गाँव

प्रभावित हुए है।सालगोड़ी,कचना,अंसारी टोला,राजवंशी टोला,बगुलाडांगी,मोमिन

टोला,औलाबाड़ी,छपनिया की हालत सबसे खराब है।खेतों की फसल बर्बाद हो गई है।मजरख पंचायत अन्तर्गत डैनिया गांव के वार्ड नंबर सात व आठ में बुधवार को ही

बकरा नदी के तेज धारा में आठ परिवारों का घर बकरा नदी में कट गया।डैनिया गाँव वार्ड नंबर आठ के सुरेश मंडल,जितेंद्र मंडल,लक्ष्मी पासवान,ब्रह्मदेव

मंडल,जगदीश मंडल डैनिया वार्ड सात के नेमचंद बहरदार,शंभू चौधरी,सूरज बहरदार का घर कट चुका है। शामिल है।ये लोग अपने पड़ोसी के यहां शरण लिये हुये हैं। विगत वर्षों मे डैनिया के कई दर्जन परिवार नदी कटान से

विस्थापित हुए हैं।

वर्ष

2017 में डैनिया गांव के वार्ड नंबर सात व आठ के सात विस्थापित परिवार आज

भी उत्क्रमित उच्च विद्यालय डैनिया में विगत तीन चार वर्षों से शरण लिए

हुए हैं। इन विस्थापित परिवारों को देखने के लिए अधिकारी व नेता आये लेकिन

अब तक पुनर्वास नही किया जा सका।विभाग के अधिकारी द्वारा विगत तीन वर्ष से

अधिक समय से इन विस्थापित परिवारों को केवल आश्वासन ही मिला कि भूमि का

चिह्नित किया जा रहा है,सभी विस्थापित परिवारों को सरकारी स्तर पर भूमि

देकर बसाया जाएगा,लेकिन आज तक इन विस्थापित परिवारों को सरकारी स्तर पर

भूमि मुहैया नहीं हो पाया।ये विस्थापित परिवार जो अभी भी चार वर्षों से

उच्च विद्यालय डैनिया में शरण लिये हुए हैं।इस साल भी अगस्त माह मे बकरा

नदी के कटान से लोग विस्थापित हुए हैं।दिलीप बहरदार, मिथुन बहरदार बासो

चौधरी,नारायण चौधरी ने बताया कि हमलोगों के पास जो भी थोड़ा बहुत जमीन था।

वह बकरा नदी में समा गया है। हमलोग किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपना और

परिवार का भरण-पोषण करते हैं। हमलोगों को विद्यालय में आखिर कब तक रहना

पड़ेगा। जदयू नेता भवेश राय ने बताया कि इन विस्थापित परिवारों को जमीन

मुहैया कराने के लिये कई बार सीओ से कहा गया। सीओ द्वारा कई बार स्थल भी

जांच किया गया है। लेकिन विस्थापित परिवारों को अभी तक सरकारी स्तर पर जमीन

मुहैया नहीं कराया जा सका है।नदी के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे विस्थापित

परिवार नेमचंद बहरदार, जितेंद्र चौधरी, सूरज बहरदार, शंभू चौधरी आदि

विस्थापित परिवारों का कहना है कि हमलोगों को आज तक जमीन नही मिला है।

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कोट

डैनिया गांव में बकरा नदी कटान से विस्थापित होने की सूचना मिली है। संबंधित

हल्का कर्मचारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने

बताया कि उन्हें 2017 में हुए विस्थापित परिवारों की पूरी जानकारी नहीं

है।बाढ़ से हुए नुकशान का प्रतिवेदन जिला को समर्पित किया जा रहा है।मुख्यत: फसल को नुकसान पहुंचा है।निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति की जाएगी।

वीरेन्द्र कुमार सिंह अंचलाधिकारी, सिकटी।

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