प्रखंड क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की हुई शुरुआत

संसू सिकटी (अररिया) लोगों को फाइलेरिया रोग से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइले

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:54 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:54 PM (IST)
प्रखंड क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की हुई शुरुआत
प्रखंड क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की हुई शुरुआत

संसू सिकटी (अररिया): लोगों को फाइलेरिया रोग से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। सिकटी प्रखंड अन्तर्गत म वि पहाड़ा में बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने पीएचसी स्तर के स्कूली विग में फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कई स्कूली बच्चों को अपने हाथों से एल्बेंडाजोल और डीईसी की गोलियां दी। इस मौके पर बीआरपी, बीसीएम, पीरामल, केयर और अन्य अधिकारियों ने फाइलेरिया की दवा खाकर अभियान की शुरूआत की। इसके बाद विद्यालय परिसर में उपस्थित सारे बच्चों को फाइलेरिया की दवा खिलाई गई। साथ ही मौजूद लोगों को फाइलेरिया के लक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया गया। बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया की रोकथाम के लिए फाइलेरिया उन्मूलन पखवाड़ा की शुरूआत की गई। अभियान में स्वास्थ्य विभाग की आशा, सेविका व सहायिका की टीमें घर-घर जाकर लोगों को दवा की खुराख खिलाएंगी।

संसू ,कुर्साकांटा के अनुसार पीएचसी कुर्साकांटा की मेडिकल टीम द्वारा प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श मध्य विद्यालय कुर्साकांटा में छात्रों को सोमवार को एमडीए की खुराक खिलाया गया । यह जानकारी देते मेडिकल टीम में शामिल डा ए रब्बान व डा रेखाकुमारी ने बताया कि पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार 20 सितंबर 21 से 9 अक्टूबर 21 तक एमडीए की खुराक को लेकर अभियान चलाया जा रहा है । जिसकी शुरुआत सोमवार से की गयी है । इसके पूर्व विगत एक सप्ताह से प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में जागरूकता रथ द्वारा आमजनों को जागरूक किया गया है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छड़ के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है । जिसे सामान्यत: हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने फाइलेरिया के लक्षण को लेकर बताया कि पैरों व हाथों में सूजन व हाइड्रोशील में सूजन, किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के बाद फाइलेरिया के रूप में तब्दील होने में 5 से 15 दिन का समय लगता है। अभियान की खास बात यह है कि दवा देना नहीं खिलाना है । वहीं दो वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को एमडीए की खुराक नहीं दिया जाना है। वहीं एमडीए की खुराक खाली पेट में भी नहीं खिलाने की बात कही । मौके पर बीसीएम सरिता कुमारी, बीएचएम मो परवेज मंसूरी, बीसी कुणाल देव, डब्लूएचओ मानिटर विकास सिंह, फार्मासिस्ट मनोज कुमार साह, बीएम ज्योति प्रिया, आशा फूलकुमारी व सरिता देवी समेत अन्य शामिल थे ।

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