दो पियक्कड़ों को तीन-तीन महीने की सुनाई सजा

संसू अररिया मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के गिरफ्त में आए जोगबनी थाना क्षेत्र के दो दोषसिद्ध पियक्क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 12:16 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 12:16 AM (IST)
दो पियक्कड़ों को तीन-तीन महीने की सुनाई सजा
दो पियक्कड़ों को तीन-तीन महीने की सुनाई सजा

संसू, अररिया: मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के गिरफ्त में आए जोगबनी थाना क्षेत्र के दो दोषसिद्ध पियक्कडो़ं ने शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में बिना किसी दबाव एवं स्वेच्छा से अपना दोष स्वीकार कर लिया। तत्पश्चात उक्त अधिनियम के स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपित बने दोनों शराब पियक्कडो़ं को तीन-तीन महीने की साधारण कैद की सजा सुनाई तथा पूर्व में जेल में बिताये समयावधि को सजा की अवधि में समायोजित करने का भी आदेश पारित किया है।

पहली घटना 11 जून, 2021 की है। जोगबनी पुलिस ने गश्ती के क्रम में जोगबनी पासवान टोला, वार्ड नंबर-16 में शराब पीने के आरोप में आरोपित बने 50 वर्षीय दिलीप पासवान को गिरफ्तार की थी तथा आरोपित का चिकित्सीय जांच के क्रम में उसकी शराब पीने की पुष्टि हो गई। इस मामले में जोगबनी थाना में केस दर्ज कर उसे आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके खिलाफ स्पेशल केस नंबर-545/21 के तहत कोर्ट में ट्रायल हुआ।

जबकि दूसरी घटना सात जुलाई, 2021 की है। जोगबनी के लोहिया टोला के समीप शराब पीने की अवस्था में जोगबनी पुलिस ने वार्ड नम्बर-चार निवासी महेश साह को गिरफ्तार कर लिया। जिसकी फारबिसगंज रेफरल अस्पताल में चिकित्सीय जांच में उसे भी शराब पीने की पुष्टि हो गई। जिसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। उक्त मामले में स्पेशल कोर्ट ने वाद संख्या-593/21 के तहत ट्रायल पूरी की। अररिया कोर्ट के मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के स्पेशल जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव की स्पेशल कोर्ट में उक्त दोनों मामले की अलग-अलग सुनवाई की। जहां उक्त दोनों आरोपितों ने अपने अपने मामलों में स्वेच्छा से बिना किसी दबाव का अपने ऊपर लगे दोष को स्वीकार कर लिया।

तत्पश्चात स्पेशल कोर्ट में उक्त दोनों आरोपितों ने अपने अलग-अलग दोनों मामले में अपने ऊपर लगे आरोप को अपनी स्वेच्छा व बिना किसी दबाव से स्वीकार कर लिया। अदालत ने उक्त आरोपितो के खिलाफ 37वीं बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम,2016 संशोधित 2018 के अंतर्गत आरोपित द्वारा दोष स्वीकार करने पर तीन-तीन महीने का कारावास की सजा सुनाया है। साथ ही पूर्व मे जेल में बिताए अवधि को सजा में समायोजित करने का भी आदेश पारित किया है। दोनों मामले में सरकार की ओर से स्पेशल पीपी रामानंद मंडल तथा बचाव पक्ष से पैनल अधिवक्ता बीणा कुमारी ने भाग लिया।

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