बाराबंकी से बउआ मंडल का शव पहुंचा फारबिसगंज, पत्नी के चित्कार से माहौल हुआ गमगीन

- बाराबंकी में हुए सड़क हादसे में बुधवार को ढोलबज्जा निवासी मजदूर की हुई थी मौत। - हरि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:38 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:38 PM (IST)
बाराबंकी से बउआ मंडल का शव पहुंचा फारबिसगंज, पत्नी के चित्कार से माहौल हुआ गमगीन
बाराबंकी से बउआ मंडल का शव पहुंचा फारबिसगंज, पत्नी के चित्कार से माहौल हुआ गमगीन

- बाराबंकी में हुए सड़क हादसे में बुधवार को ढोलबज्जा निवासी मजदूर की हुई थी मौत।

- हरियाणा मजदूरी करने गया था बउआ मंडल दो माह बाद लौट रहा था अपना घर। जागरण टीम, फारबिसगंज/ परवाहा(अररिया) फारबिसगंज के ढोलबज्जा में गुरुवार की दोपहर बाराबंकी से मजदूर बउआ मंडल का शव उसके आवास पर पहुंचा। शव पहुंचते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। स्वजनों की चित्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। शव आने की सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए तथा स्वजनों को सांत्वना दे रहे थे। मालूम हो कि बाराबंकी सड़क हादसे में बिहार के 18 मजदूरों की मौत हो गई है। जिसमें फारबिसगंज के ढोलबज्जा निवासी हरिकिशन मंडल के पुत्र बाबूलाल उर्फ बउआ मंडल (27) भी शामिल है। बउआ की मौत की खबर बुधवार को ही स्वजनों सहित ग्रामीणों को प्राप्त हो गया था। लेकिन मृतक के शव नहीं पहुंचने के कारण बड़ी संख्या में ग्रामीण व जनप्रतिनिधि शव के इंतजार में थे। मौके पर मौजूद मुखिया प्रतिनिधि परमानन्द यादव, सरपंच प्रतिनिधि संजय पांडेय, रामु मण्डल, जगदीश मंडल, शंभु मंडल, संजय पासवान, अभाविप के नीरज निराला, गजेंद्र यादव आदि बड़ी संख्या में ग्रामीण स्वजनो को संतावना देते हुए नजर आए। मुखिया प्रतिनिधि परमानंद यादव के द्वारा कबीर अंत्येष्टि माध्यम से स्वजनों को 3 हजार रुपया उपलब्ध कराया गया। वही सीओ संजीव कुमार ने कहा कि जल्द से जल्द मृतक के स्वजनों को सरकारी मुआवजा की राशि उपलब्ध कराया जाएगा।

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प्लास्टिक में लिपटे में पुत्र का शव देख माता-पिता हुए बेसुध - फारबिसगंज के ढोलबज्जा में गुरुवार को मजदूर बउआ मंडल का शव पहुंचते ही स्वजनों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। घटना के एक दिन बाद भी मृतक के शव को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। बउआ के पिता हरिकिशन मंडल, मां सहित अन्य रिश्तेदार प्लास्टिक से लिपटकर रो रहे थे। मां बार-बार बेहोश हो जा रही थी। आसपास की महिलाएं उन्हें ढाढस बंधा रही थी। पिता अपने पुत्र के वियोग फफक-फफक कर रो रहे थे। पिता ने कहा बउआ बहुत ही होनहार युवक था। पिता से कह कर गया था मजदूरी करने जा रहा है। काफी पैसा कमाकर लौटेगा और परिवार की सभी परेशानियों को दूर करेगा। इनसेट

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पति का शव देख पत्नी हुई बेसुध, स्वजनों के अरमान को पूरा करने गांव से हरियाणा गया था बउआ - फारबिसगंज में जैसे ही मजदूर बउआ मंडल का शव उसके आवास पर पहुंचा। पत्नी शव को देख बेसुध हो गई। हरियाणा जाने वक्त बउआ ने कहा था अपने स्वजनों के सभी अरमानों को पूरा करेगा। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। दो दिन पहले ही बउआ ने फोन पर पत्नी व बच्चों से बात की थी कहा था वापस लौट रहा हैै अब घर में ही रह कर काम करेगा और अपने बच्चों के भविष्य के सपनों को साकार करेगा। मृतक बउआ पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर था और उसके कंधे पर परिवार की जिम्मेदारी थी। चार साल पहले शादी व दो बच्चे होने के बाद यह जिम्मेदारी और भी बढ़ गई थी। इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी को निभाने के लिए वे हरियाणा पंजाब आदि में मजदूरी करता था। जिससे परिवार का भरण-पोषण होता था। हरियाणा से काम खत्म होने के बाद वह घर वापस लौट रहा था। उसके साथ उसका बड़ा भाई टुनटुन मंडल और गांव का ही युवक महेश मंडल मंडल भी घर लौट रहा था। बड़े भाई को अब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसका छोटा भाई अब उसे छोड़कर चला गया है।

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