ऑटो सेक्टर में मंदी और कारोबार में नुकसान के बाद भी Tata Motors नहीं करेगी कर्मचारियों की छंटनी
Tata Motors ऑटो सेक्टर में आर्थिक सुस्ती के बावजूद अपने किसी भी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकालेगी
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो सेक्टर में आर्थिक सुस्ती के बावजूद Tata Motors अपने किसी भी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकालेगी। इस साल ऑटो सेक्टर में छाई मंदी के चलते कई बड़ी ऑटो कंपनियों ने अपने अस्थायी कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नौकरी से निलाला है। मगर, टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि कुछ महीने में ऑटो सेक्टर के हालात ठीक होंगे और कंपनी को उम्मीद है कि उसकी नई कार लॉन्च होने से डिमांड में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
नवंबर में भी टाटा मोटर्स की बिक्री में भारी गिरावट देखी गई है। Tata Motors की घरेलू बिक्री में 25 फीसद की गिरावट देखी गई है। कंपनी ने नवंबर 2019 में 38,057 यूनिट्स की बिक्री की है। ये कार निर्माता कंपनी के पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट है। इससे बीते वर्ष कंपनी ने समान अवधि में 50,470 यूनिट्स की बिक्री की थी। कार निर्माता कंपनी ने सकारात्मक त्योहारी सीजन के बावजूद भी वॉल्यूम में लगातार गिरावट देखी जा रही है। यहां तक कि ऑटो सेक्टर ने पिछले महीने में रिकवरी के संकेत दिए थे। पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में इस साल टाटा की नवंबर महीने में 39 फीसद की गिरावट के साथ 10,400 यूनिट्स की बिक्री हुई है। वहीं, इससे बीते वर्ष नवंबर महीने में यह आंकड़ा 16,982 यूनिट्स का रहा था।
बिक्री में गिरावट के चलते Tata Motors को कुल 1,281 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कंपनी इससे बीते वर्ष की समान अवधि पर109 करोड़ रुपये के मुनाफे पर थी। कंपनी को घाटा होने के चलते ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थी कि टाटा मोटर्स अपने कर्मचारियों की छंटनी कर देगी। हालांकि, कंपनी ने इससे साफ इंकार कर दिया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक टाटा मोटर्स कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग, सेल्स एंड मार्केटिंग में कार्यरत 83 हजार लोगों को रोजगार दे रही है।
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