सेमीकंडक्टर की कमी से कारों की मांग पर पड़ेगा विपरीत असर: Maruti Suzuki

वर्तमान में घरेलू यात्री वाहन बाजार में मॉडल और वर्जन के आधार पर प्रतीक्षा अवधि हफ्तों से लेकर महीनों तक हो सकती है। हालांकि श्रीवास्तव ने कहा कि मारुति की बुकिंग रद नहीं हो रही हैं क्योंकि कंपनी अपने ग्राहकों के साथ लगातार बात कर रही है।

By BhavanaEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:03 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 08:30 AM (IST)
सेमीकंडक्टर की कमी से कारों की मांग पर पड़ेगा विपरीत असर: Maruti Suzuki
Maruti के पास वर्तमान में लगभग 2.5 लाख इकाइयों का आर्डर लंबित है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Maruti Suzuki : देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी का मानना है कि सेमीकंडक्टर चिप की कमी के चलते कारों की डिलीवरी तय समय पर नहीं हो पा रही है। कंपनी ने आशंका जताई है कि अगर यही हाल चलता रहा तो कारों की मांग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान चिप की आपूर्ति धीरे-धीरे सुधर रही है। बता दें, कंपनी के पास वर्तमान में लगभग 2.5 लाख इकाइयों का आर्डर लंबित है। वहीं बाजार में मांग लगातार मजबूत बनी हुई है।

जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में कंपनी का उत्पादन सामान्य से 80 प्रतिशत से अधिक रहा है। इस विषय पर बात करते हुए मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, 'बुकिंग से पता चलता है कि मांग काफी मजबूत है। पूछताछ और बुकिंग दोनों में सुधार है। हालांकि अब उपलब्धता एक मुद्दा है और प्रतीक्षा अवधि बढ़ गई है। हमें आशंका है कि लंबी प्रतीक्षा अवधि के चलते मांग का रुख प्रभावित हो सकता है और इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।

उन्होंने कहा, 'वर्तमान में घरेलू यात्री वाहन बाजार में मॉडल और वर्जन के आधार पर प्रतीक्षा अवधि हफ्तों से लेकर महीनों तक हो सकती है। हालांकि श्रीवास्तव ने कहा कि "मारुति की बुकिंग रद नहीं हो रही हैं, क्योंकि कंपनी अपने ग्राहकों के साथ लगातार बात कर रही है और उन्हें स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। हालात कब होंगे सामान्य, कहना मुश्किल है।" शशांक श्रीवास्तव के अनुसार यदि आप इलेक्ट्रानिक कलपुर्जो की उपलब्धता को देखें, तो यह अगस्त और उसके बाद से उत्पादन को प्रभावित कर रहा है। स्थित थोड़ी बेहतर हो रही है। सितंबर में कंपनी का उत्पादन 40 प्रतिशत था। वहीं यह अक्टूबर में 60 प्रतिशत था और नवंबर में यह लगभग 83-84 प्रतिशत रहा।"

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