भारत में Jio की तरह इलेक्ट्रिक वाहन भी हो जाएंगे सस्ते, AGM बैठक में अंबानी द्वारा की गई घोषणा देती है संकेत
Tesla ने चीन में अपना पहला इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लॉन्च किया है जो सोरल ऊर्जा के तहत वाहनों को चार्ज करने में सक्षम होगा। वहीं अंबानी द्वारा की गई घोषणा से भारतीय इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और कीमतों पर खासा असर पड़ने के संकेत हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Reliance AGM Meet : रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बुधवार यानी आज कंपनी की 43वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) को संबोधित किया। इस बैठक को Jio Meet के जरिए आयोजित किया गया। जिसमें मुकेश अंबानी ने कई बड़ी घोषनाएं की। इन घोषणाओं में Jio TV+ और Jio Glass जैसे नए प्रोडक्ट्स लाने के साथ भारत में बैटरी स्टोरेज प्लांट पर 60,000 करोड़ रुपये के निवेश की बात की गई। इलेक्ट्रिक वाहन भारत में आज एक बड़ा मुद्दा है, और इस सेगमेंट पर वाहन कंपनियां और सरकार नजर गड़ा कर बैठी हुई हैं।
हर सेगमेंट में उतरना चाहती है रिलायंस?
मुकेश अंबानी ने कहा कि पिछले साल, "मैंने 2035 तक जीरो कार्बन एमिशन की अपनी 15 साल की योजना की घोषणा की थी। आज इसे लागू करने के लिए हमारी रणनीति और रोडमैप पेश करने में मुझे खुशी हो रही है। कंपनी द्वारा पेश की गई तीन वर्षीय योजना में ''चार गीगा फैक्ट्रियां'' बनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि, " हम अगले तीन वर्षों में इस पहल पर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगे।" और रिलायंस 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित करेगी। जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांवों में रूफटॉप सोलर के जरिए आएगा।
हीरो इलेक्ट्रिक ने किया स्वागत
रिलायंस की बैठक में की गई घोषणा के बाद जागरण से हुई बातचीत के दौरान हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने कहा कि "यह एक बड़ा कदम है जो भविष्य में ईवी उद्योग के लिए स्वच्छ ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इस दिशा में विकास पूरी तरह से उद्योग के एजेंडे और 'एंड टू एंड' क्लीनर मोबिलिटी के मिशन के साथ तालमेल बिठाता है। भविष्य में ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन का दबदबा होगा और हीरो में हम भारत को वैश्विक ईवी हब बनाने में ऐसे प्रमुख व्यापारिक घरानों की भागीदारी की आशा करते हैं।"
टेस्ला के पहले चीनी चार्जिंग स्टेशन से कनेक्शन?
आज हमनें आपको इस बात की जानकारी दी थी कि टेस्ला ने चीन में अपना पहला इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लॉन्च किया है, जो सोरल ऊर्जा के तहत वाहनों को चार्ज करने में सक्षम होगा। वहीं आज अंबानी द्वारा की गई घोषणा से भारतीय इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और कीमतों पर खासा असर पड़ने के संकेत हैं। सोलर पॉवर द्वारा उत्पन्न ऊर्जा को स्टोर करने के लिए कंपनी एक कारखाना स्थापित करेगी। बिजली के अलावा, रिलायंस हरित हाइड्रोजन का भी उत्पादन करना चाहती है जिसे ऑटोमोबाइल में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी की योजना के अनुसार वह यह एक ईंधन सेल कारखाना स्थापित करेगी जो बिजली पैदा करने के लिए हवा से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का उपयोग करेगा।
किफायती हो सकता है ईवी का इस्तेमाल?
रिलायंस द्वारा अगर बैटरी प्लांट का निर्माण किया जाता है, तो यह देश की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। देश में वाहनों की बिक्री में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है। अगर कम लागत और आसानी से सुलभ चार्जिंग सिस्टम उपलब्ध कराया जाए तो इस सेगमेंट में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाना ज्यादा सरल होगा।
भारत में अगर रिलायंस बैटरी स्टोरेज प्लांट की स्थापना करता है, तो जाहिर है, कि इस सेगमेंट की मांग में बढोत्तरी होगी। जानकारी के लिए बता दें, कि देश में इलेक्ट्रिक वाहन की गति में सबसे बड़ी परेशानी इनकी बैटरी हैं, वर्तमान में सभी ईवी की बैटरी चीन से आयात की जाती हैं। जिसका असर कीमत पर पड़ता है। तो ऐसे में अगर रिलायंस बैटरी के निर्माण में भी आगे आती है, तो ईवी की कीमत कम होगी।