Dominos Pizza की डिलीवरी के लिए अब होंगा इलेक्ट्रिक बाइक का इस्तेमाल, क्या कीमत पर भी पड़ेगा असर?
कंपनी के दावे के अनुसार RV300 इलेक्ट्रिक को चलने का खर्च 10 रुपये प्रति 100 किलोमीटर है जो पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर के मुकाबले काफी सस्ता है। बताते चलें कि रिवोल्ट आरवी400 कंपनी की फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक बाइक है
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। Pizza Delivery on Electric Bike: देश में इलेक्ट्रिक बाइक सेगमेंट धीरे धीरे अपनी स्पीड पकड़ रहा है। हालांकि ईवी मोटरसाइकिल की रेंज में कुछ ही चुनिंदा खिलाड़ी मौजूद है, जो महज कुछ शहरों तक ही सीमित हैं। आपको बता दें, स्वदेशी इलेक्ट्रिक बाइक निर्माता Revolt Motors ने Dominos के साथ हाथ मिलाया है, जिसके चलते मशहूर पिज्जा कंपनी डोमिनोज अब रिवोल्ट के RV300 बाइक मॉडल को खरीदेगी जिसे पेट्रोल बाइक की जगह पर पिज्जा की डिलीवरी के लिए उतारा जाएगा।
इलेक्ट्रिक बाइक से होगी पिज्जा डिलीवरी
यानी अब मशहूर पिज्जा कंपनी डोमिनोज इलेक्ट्रिक बाइक से आपके घर तक पिज्जा की डिलीवर करेगी। बता दें, इस पार्टनरशिप के लिए रिवोल्ट RV300 बाइक्स की इन्वेंटरी को डोमिनोज की डिलीवरी पार्टनर (देश की सबसे बड़ी डिलीवरी फ्लीट में से एक है) जुबलिएंट फूड वर्क्स आवश्यकता के अनुसार तैयार करेगी। वहीं डॉमिनोज पिछले कुछ समय से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनी डिलीवरी के लिए रिवोल्ट की इलेक्ट्रिक बाइक का इस्तेमाल कर रही थी, और इसकी सफलता के बाद कंपनी ने रिवोल्ट के साथ साझेदारी की है। हालांकि देखना यह होगा कि पेट्रोल की लागत कम होने से क्या डोमिनोज भी अपने पिज्जा की कीमत में कटौती करती है या नहीं।
नए मॉडल को किया जाएगा लॉन्च
कंपनी के दावे के अनुसार RV300 इलेक्ट्रिक को चलने का खर्च 10 रुपये प्रति 100 किलोमीटर है, जो पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर के मुकाबले काफी सस्ता है। वहीं कंपनी देश में एक नया इलेक्ट्रिक बाइक मॉडल लॉन्च करने पर विचार कर रही है, जो आरवी 300 ई-बाइक मॉडल को रिप्लेस कर सकता है। पीटीआई पर साझा बयान के मुताबिक नई RV1 इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल की कीमत EV निर्माता के मौजूदा मॉडल से कम होगी और अगले साल जनवरी से इसे लॉन्च किया जा सकता है।
नए RV1 मॉडल को हरियाणा के मानेसर में अपने विनिर्माण संयंत्र में 100 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित मॉडल के रूप में तैयार किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें, कंपनी अपने उत्पादों के निर्माण के लिए चीन से पुर्जों का आयात करती रही है, लेकिन अब वह पूरी तरह से भारतीय आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही है।