HDFC Bank बैंक Auto Loan लेने वाले ग्राहकों को जीपीएस डिवाइस खरीदनें के लिए कर रहा था मजबूर, जुर्माना लगने के बाद रिफंड पर सहमति
HDFC Bank ग्राहकों को कार लोन के साथ गैर-वित्तीय व्यवसायों से वाहन ट्रैकिंग डिवाइस खरीदने के लिए मजबूर कर रहा था। जिसकी कीमत करीब 18000 रुपये से 19500 रुपये थी। और इस डिवाइस को मुंबई स्थित फर्म ट्रैकपॉइंट जीपीएस द्वारा बेचा जा रहा था।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। HDFC Bank Auto Loan Update: भारत का सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ऑटो लोन के लिए प्रसिद्व है। लेकिन आपको याद होगा कि बीते साल एचडीएफसी बैंक ग्राहकों को कार लोन के साथ गैर-वित्तीय व्यवसायों से वाहन ट्रैकिंग डिवाइस खरीदने के लिए मजबूर कर रहा था। जिसकी कीमत करीब 18,000 रुपये से 19,500 रुपये थी, और इस डिवाइस को मुंबई स्थित फर्म ट्रैकपॉइंट जीपीएस द्वारा बेचा जा रहा था। फिलहाल बैंक ने आज यह घोषणा की है, कि उन ऑटो लोन ग्राहकों को पैसा वापस किया जाएगा। जिन्होंने वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2020 के बीच जीपीएस डिवाइस खरीदें थे।
बैंक पर लगा 10 करोड़ रुपये का जुर्माना: बैंक द्वारा राशि को ग्राहकों के खाते में वापसी जमा किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा पिछले महीने अपने ऑटो ऋण ग्राहकों को वाहन-ट्रैकिंग उपकरण बेचने के लिए निजी क्षेत्र के ऋणदाता पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऑटो लोन डिविजन में गड़बड़ियों के कारण बैंक पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। शिकायत में कहा गया कि बैंक के एग्जिक्यूटिव्स ने ऑटो लोन लेने वाले कस्टमर्स पर GPS डिवाइस खरीदने के लिए दबाव डाला था। यह डिवाइस नहीं खरीदने पर उनके लोन सैंक्शन नहीं किए जाएंगे।
बैंक में अकाउंट ना होंने पर अपनाएं ये तरीका: रिफंड कस्टमर्स बैंक के पास रजिस्टर्ड अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा। अगर उन लोगों का अकाउंट क्लोज हो चुका है तो ग्राहक अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी से बैंक को संपर्क कर सकते हैं। आरबीआई ने कहा कि "यह निर्णय वाहन लोन से संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद लिया गया है।" एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य पुरी ने वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों से कहा था "कि व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिलने के बाद, बैंक ने कार लोन कारोबार की आंतरिक जांच की और पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।"