अब बिना Pollution Certificate के जब्त होगी वाहन की आरसी, नए मसौदे पर सरकार ने शुरू किया काम

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपके पास चेकिंग के समय वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं पाया जाता है तो मालिक को वैध दस्तावेज प्राप्त करने के लिए सात दिनों की समय अवधि दी जाएगी। जिसमें विफल होने पर वाहन की आरसी को जब्त कर लिया जाएगा।

By BhavanaEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 07:44 AM (IST)
अब बिना Pollution Certificate के जब्त होगी वाहन की आरसी, नए मसौदे पर सरकार ने शुरू किया काम
वाहन प्रदुषण की तस्वीर (फोटो साभार :जागरण फाइल फोटो)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। PUC Certifacte: भारत में प्रदूषण नियंत्रण यानी (PUC) प्रमाणपत्र काफी समय से अनिवार्य है, बावजूद इसके बहुत से लोग आज भी वैध प्रदुषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के बिना ही वाहनों को चलाते हैं। लेकिन अब अगर आप इसे अनदेखा करेंगे तो आपको भारी परेशानी हो सकती है। दरअसल, सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ नए प्रावधान को जोड़ने जा रही है। जिसके चलते PUC सर्टिफिकेट का सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा।

जब्त होगी आरसी: इसी को ध्यान में रखते हुए 27 नवंबर को सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है, जिसके चलते अगर आपके पास वैध प्रदुषण नियंत्रण प्रमाण पत्र नहीं है, तो अगले साल जनवरी से वाहन की आरसी को जब्त किया जा सकता है। इसी दिशा में सड़क परिवहन मंत्रालय ने पीयूसी प्रणाली को ऑनलाइन लेने से पहले अन्य हितधारकों से सुझाव मांगे हैं, और कहा है कि इस प्रक्रिया के पूरी होने में करीब दो महीने लगेंगे।

7 दिन का दिया जाएगा समय: यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपके पास चेकिंग के समय वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं पाया जाता है, तो मालिक को वैध दस्तावेज प्राप्त करने के लिए सात दिनों की समय अवधि दी जाएगी। जिसमें विफल होने पर वाहन की आरसी को जब्त कर लिया जाएगा। वहीं 7 दिन की निर्धारित समय अवधि के भीतर वाहन का PUC रिन्यूअल कराना भी अनिवार्य होगा।

पीयूसी बनवानें वालों की संख्या में आई कमी: बताते चलें, कि PUC के लिए ए​क QR कोड सिस्टम लागू किया जाएगा। जिसमें गाड़ी के सभी दस्तावेज जैसे  गाड़ी के मालिक नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर आदि लिखे होंगे। पीयूसी को लेकर कुछ लोग जागरूक हुए मगर हालात फिर भी खराब हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस साल अभी तक पीयूसीसी बनवाने वालों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा डेढ़ लाख से भी कम है।

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