इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत, अब नहीं देनी होगी रजिस्ट्रेशन की कीमत

पिछले हफ्ते टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगाए गए उच्च आयात शुल्क पर एक बहस छेड़ दी है। इस बहस में भारतीय कंपनियां टेस्ला से असहमत नजर आई। वहीं हुंडई ने टेस्ला (Tesla) का साथ दिया।

By BhavanaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 04:41 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:52 AM (IST)
इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत, अब नहीं देनी होगी रजिस्ट्रेशन की कीमत
लाख कोशिश के बावजूद भारत में EV को अपनाना सरकार के प्रयासो की तुलना में धीमा रहा है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को चलन में लाने के लिए सरकार पूरी तरह से सक्रिय है। वाहन मालिकों के लिए सरकार एक नई सूचना लेकर आई है। जिसके तहत ईवी-मालिकों को अब पंजीकरण प्रमाणपत्र शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। जी हॉं , सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है, कि वह सभी बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रिन्यू करने के लिए शुल्क के भुगतान से छूट देती है।

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को नए पंजीकरण चिह्नों के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से भी छूट दी गई है। बता दें, ईंधन की बढ़ती लागत के साथ-साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के बीच अधिक लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों के तहत यह निर्णय लिया गया है।

लाख कोशिश के बावजूद धीमी पहल

आपको याद होगा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की पहल के बावजूद FAME II योजना के माध्यम से सब्सिडी की पेशकश की गई। जिससे देश में EV पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में मदद मिलेगी। हालांकि लाख कोशिश के बावजूद भारत में EV को अपनाना सरकार के प्रयासो की तुलना में धीमा रहा है।

आयात शुल्क पर हो रही बहस

पिछले हफ्ते, यूएस-आधारित इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगाए गए उच्च आयात शुल्क पर एक बहस छेड़ दी है। इस बहस में भारतीय कंपनियां टेस्ला से असहमत नजर आई। वहीं हुंडई ने आसात शुल्क पर टेस्ला का साथ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार अभी आयात शुल्क को कम करने पर विचार नहीं कर रही है। देखना होगा कि इस पर आगे क्या निर्णय लिया जाता है।

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