ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारों के फायदे के साथ कई बड़े नुकसान भी हैं, यहां जानें कैसे

बहुत कम लोग जानते हैं कि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में कई कमियां भी होती हैं जिनके बारे में हर कार ओनर को पता होना चाहिए। आज हम आपको उन्हीं दिक्क्तों के बारे में बताने जा रहे हैं

By Sajan ChauhanEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 02:58 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 09:17 AM (IST)
ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारों के फायदे के साथ कई बड़े नुकसान भी हैं, यहां जानें कैसे
भारत में ऑटोमैटिक कारों को लग्जरी का प्रतीक माना जाता है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आजकल (AMT) ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारें काफी चलन में हैं। ऑटोमैटिक कारों को चलाना काफी आसान होता है और इसे लग्जरी फीचर के रूप में भी देखा जाता है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में कई कमियां भी होती हैं जिनके बारे में हर कार ओनर को पता होना चाहिए। आज हम आपको उन्हीं दिक्क्तों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ऑटोमैटिक कार चलाते समय पेश आती हैं।

ज्यादा फ्यूल की खपत: ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों की तुलना में ज्यादा फ्यूल की खपत होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में आप कम स्पीड और ज्यादा स्पीड को अपने हिसाब से तय कर सकते हैं। जब आपको कार धीरे चलानी है तो आप इसे लो गियर में चलाते हैं वहीं तेज स्पीड में आप अपनी कार को टॉप गियर में चलाते हैं। जबकि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में ऐसा नहीं है। इस कार में गियर का ज्यादा रोल नहीं होता है ऐसे में कार ज्यादा फ्यूल कंज्यूम करती है।

ओवरटेक करने में होती है दिक्कत: ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में ओवरटेकिंग काफी मुश्किल होती है।‌ दरअसल मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में आप अपनी जरूरत के हिसाब से गियर बदलकर स्पीड बढ़ा सकते हैं, लेकिन ऑटोमैटिक कार में ऐसा नहीं है क्योंकि जब आप ओवरटेक करने के लिए स्पीड बढ़ाते हैं तो इसमें कार को कुछ समय लगता है ऐसे में ऑटोमेटिक कार से किसी दूसरे वाहन को ओवरटेक करना काफी मुश्किल हो जाता है। अगर इसे ठीक तरह से ऐसा ना किया जाए तो एक्सीडेंट का भी खतरा रहता है।

रोलबैक मारती है कार: ऑटोमैटिक कारों के साथ एक सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जब भी आप किसी ढलान भरी जगह पर कार को ले जाते हैं और कार अचानक से रोकनी पड़ जाए तो दोबारा एक्सेलरेटर लेकर कार चलाने के दौरान यह पीछे की तरफ भागने लगती है। कई मौकों पर यह बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है खासकर की तब जब आप पहाड़ी रास्तों पर ड्राइविंग कर रहे हो। इस समस्या से बचने के लिए लोग अक्सर हैंडब्रेक का भी इस्तेमाल करते हैं।

लाइसेंस: अगर आप ऑटोमैटिक कार से ड्राइविंग टेस्ट देते हैं तो आपको जो लाइसेंस दिया जाएगा वो सिर्फ ऑटोमैटिक कारों के लिए ही मान्य होगा। इस लाइसेंस से आप सिर्फ ऑटोमैटिक कारें ही इस्तेमाल कर सकते हैं।  

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