Elon Musk के बाद Audi ने की इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने की मांग, कहा घरेलू मांग में होगी बढ़त

बता दें ऑडी देश में पांच इलेक्ट्रिक कारें बेचती है और कंपनी का कहना है कि वह अपनी मूल फर्म को स्थानीय विनिर्माण में निवेश करने के लिए तभी मना सकती है जब वह बिक्री के बारे में निश्चित हो। जो कम कीमत पर ही संभव है।

By BhavanaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 01:20 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 01:20 PM (IST)
Elon Musk के बाद Audi ने की इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने की मांग, कहा  घरेलू मांग में होगी बढ़त
ऑडी देश में पांच इलेक्ट्रिक कारें बेचती है,

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जर्मन लग्जरी कार निर्माता कंपनी ऑडी ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कमी करने का आग्रह किया है। कंपनी ने आयात कारों पर लगने वाले शुल्क के बारे में बात करते हुए कहा कि "ऐसा करने से वाहनों की कीमतों में कमी आएगी, जिससे घरेलू मांग में बढ़त देखी जाएगी।" बता दें, ऑडी देश में पांच इलेक्ट्रिक कारें बेचती है, और कंपनी का कहना है कि वह अपनी मूल फर्म को स्थानीय विनिर्माण में निवेश करने के लिए तभी मना सकती है, जब वह बिक्री के बारे में निश्चित हो। जो पूरी तरह से कम कीमत पर ही संभव है।

Tesla की राह पर Audi

जानकारी के लिए बता दें, बीते हफ्ते, ऑडी ने भारत में दो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कूप - ई-ट्रॉन जीटी और आरएस ई-ट्रॉन जीटी कार लॉन्च की हैं। कंपनी के कुल पोर्टफोलियो को पांच ई-ट्रॉन वेरिएंट मिलते हैं, और इन सभी मॉडलों को देश में आयात किया जाता है। वहीं आपको याद होगा कि लंबे समय से टेस्ला भारत में अपने एंट्री को लेकर चर्चा में है। हालांकि एलन मस्क द्वारा आयात शुल्क में कमी की मांग का असर अभी तक सरकार पर दिखाई नहीं दे रहा है।

ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने पीटीआई को बताया कि "अगर कीमत कम होगी तो शायद हम देश में ज्यादा वाहन बेच सकते हैं। वर्तमान में आयात शुल्क अधिक है, और इसलिए यह कुछ ऐसा है जहां सरकार से हमारा अनुरोध है ... कि अगर इसके बारे में कुछ किया जा सकता है। यहां तक ​​​​कि अगर 3 से 5 साल की अवधि के लिए कुछ राहत मिलती है, तो यह हमें एक निश्चित न्यूनतम मात्रा हासिल करने में मदद करेगा, जिससे हमें अपने मुख्यालय को देश में और अधिक निवेश करने के लिए स्थानीय स्तर पर कारों का निर्माण शुरू करने में मदद मिलेगी। "उन्होंने आगे कहा कि "उन्हें (मुख्यालय) को यह विश्वास होना चाहिए कि हमारी मांग मजबूत है, ताकि वे आगे के निवेश के बारे में सोच सकें ... हालांकि ई-ट्रॉन रेंज के साथ एक सकारात्मक संकेत हैं।

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