Types of Engine oil : वाहन में इंजन ऑयल को लेकर अब ना हो परेशान, इस लेख में पढ़ें अपने सभी सवालों के जवाब
आधुनिक इंजन ऑयल अब पहले से अधिक रिफाइंड होते हैं यही कारण है कि सिंथेटिक इंजन ऑयल के फायदे ज्यादा होते हैं। सिंथेटिक इंजन ऑयल अन्य की तुलना में गाढ़ा होता है। इसी के चलते यह इंजन में पिस्टन के घर्षण को कम कर देता है
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Types of Engine Oils: इंजन ऑयल वाहन का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके बिना आपकी कार किसी काम की नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इंजन ऑयल को लेकर आज भी लोगों में कई तरह के भ्रम है, कि कौन सा इंजन ऑयल इस्तेमाल करे। कौन से ऑयल के इस्तेमाल से इंजन की लाइफ लंबी रहती है। वर्तमान में भारत में तीन तरह के ऑयल इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं। उम्मीद है इस लेख के बाद आपके दिमाग में इंजन ऑयल को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा।
इंजन ऑयल में प्रयोग होते हैं एडिटिव्स : इंजन ऑयल को प्रभावी बनाने के लिए निर्माता कंपनियां इसमें अलग अलग प्रकार के एडिटिव्स का उपयोग कर रही हैं। इंजन के तेल में एंटी-फोमिंग एजेंट, जिंक, फास्फोरस और कुछ सल्फर माल्यूकल एसिड मिलाए जाते हैं। ये सभी इंजन के हिस्सों के बीच घर्षण और ऑक्सीकरण के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
सिंथेटिक इंजन ऑयल: आधुनिक इंजन ऑयल अब पहले से अधिक रिफाइंड होते हैं, यही कारण है कि सिंथेटिक इंजन ऑयल के फायदे ज्यादा होते हैं। सिंथेटिक इंजन ऑयल अन्य की तुलना में ज्यादा लंबा चलता है, और यह गाढ़ा भी ज्यादा होता है। इसी के चलते यह इंजन में पिस्टन के घर्षण को कम कर देता है, और इसके इस्तेमाल से इंजन की अधिकतम पावर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सेमी-सिंथेटिक इंजन तेल: हम जानते हैं कि सामान्य मिनरल ऑयल सिंथेटिक इंजन ऑयल की तुलना में काफी सस्ता होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए निर्माताओं ने मिनरल और सिंथेटिक इंजन ऑयल के बीच एक संतुलन बनाने के लिए सेमी-सिंथेटिक को पेश किया। सेमी-सिंथेटिक में 30% तक सिंथेटिक इंजन तेल के एक मिश्रण का उपयोग किया जाता है। जो लागत कम करने के साथ आपकी जेब पर भी असर नहीं डालता है।
नोट: अगर आप इस बात पर विचार करेंगे तो कि कौन-सा इंजन ऑयल प्रयोग करें तो आपके वाहन के इंजन की लाइफ बढ़ सकती है।