जिन कारों में होती है ये 4 खूबियां, उनका माइलेज होता है सबसे ज्यादा
आप जब किसी कार के शोरूम में जाएंगे तो वहां आपको हर कार का माइलेज भी बताया जाता है। हालांकि आप बिना किसी प्रोफेशनल मदद के ही माइलेज वाली कार चुनना चाहते हैं तो ऐसा करना बेहद ही आसान है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में हर सेगमेंट की कारें मौजूद हैं जिनमें से ग्राहक अपनी पसंद का ऑप्शन चुन सकते हैं। हालांकि आप पेट्रोल डीजल की कीमत से परेशान हैं और ऐसी कार खरीदना चाहते हैं जो सबसे ज्यादा माइलेज दे तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। दरअसल आप जब किसी कार के शोरूम में जाएंगे तो वहां आपको हर कार का माइलेज भी बताया जाता है। हालांकि आप बिना किसी प्रोफेशनल मदद के ही माइलेज वाली कार चुनना चाहते हैं तो ऐसा करना बेहद आसान है। दरअसल माइलेज कारों की कुछ खूबियां होती हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
कम क्षमता का इंजन
हमेशा ध्यान रखिए कि आप जितने पावरफुल इंजन वाली कार खरीदेंगे उसका माइलेज उतना ही कम होता है। दरअसल ज्यादा पावर प्रदान करने के लिए इंजन ज्यादा फ्यूल कन्ज्यूम करता है। ऐसे में आपको अगर माइलेज देने वाली कार चाहिए तो कम क्षमता वाला इंजन बेहतर ऑप्शन रहेगा। भारत में ज्यादातर एंट्री लेवल कारों में ऐसा इंजन ऑफर किया जाता है जिसकी बदौलत आपकी कार अच्छा-खासा माइलेज देती है।
नॉर्मल टायर्स
भारत में जितनी भी एसयूवी हैं उनमें बड़े आकार के टायर्स दी जाते हैं जो इन वाहनों को ऑफ रोडिंग के लिए काम आते हैं। हालांकि इन टायर्स की वजह से इंजन का माइलेज कम होता है। आने देखा होगा कि एंट्री लेवल हैचबैक कारों में आपको छोटे टायर्स ऑफर किए जाते हैं जिनकी बदौलत आप अर्बन रोड्स पर आसानी से ड्राइव कर सकते हैं साथ ही कार का इंजन माइलेज भी देता है।
हल्का फ्रेम और चेसिस
कार का चेसिस और फ्रेम जितना हल्का होता है इंजन पर दबाव उतना ही कम पड़ता है। जब इंजन पर दबाव नहीं पड़ता है तो आपकी कार ज्यादा माइलेज देती है और आपको पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च नहीं पड़ते हैं।
सीटिंग कपैसिटी
अगर आपकी कार की सीटिंग कपैसिटी 5 या 4 तो इसका माइलेज 7 और 8 सीटर वाली कारों से ज्यादा होगा। दरअसल सीटिंग कपैसिटी जितनी ज्यादा होती है उसका माइलेज उतना कम होता है। क्योंकि उसमें कम सीटिंग कपैसिटी के हिसाब से कार का आकार छोटा होता है।