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फ्लेक्सिबिलिटी से कोई कंप्रोमाइज नहीं, ब्रेक लिया है तो हक से बोलें

कामकाजी महिलाओं ने बताया कि करियर में ब्रेक लेने से उनकी खुशी पर सकारात्मक असर पड़ा है। उनका यह भी कहना है कि ब्रेक लेने की वजह से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि तो हुई ही है उन्हें अपने करियर में बदलाव के बारे में सोचने का पर्याप्त समय भी मिला।

By TilakrajEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 02:55 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 02:55 PM (IST)
फ्लेक्सिबिलिटी से कोई कंप्रोमाइज नहीं, ब्रेक लिया है तो हक से बोलें
भारत में करियर ब्रेक और वर्कप्लेस फ्लेक्सिबिलिटी को लेकर जागरूकता आयी है

एक कामकाजी महिला के जीवन में करियर ब्रेक एक बहुत बड़ा संघर्ष माना जाता है। एक तरफ जहाँ लोगों के सवाल होते हैं, वहीं दूसरी तरफ घर और परिवार की जिम्मेदारी। इन सब के बीच महिलाओं के लिए अपने घर और काम के बीच संतुलन बनाना काफी मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि आजकल कई कम्पनियां अपने कार्यस्थल पर नियम में बदलाव की बात करने लगी हैं। लोग LinkedIn जैसे मंच पर फ्लेक्सिबल वर्किंग की बात कर रहे हैं और अपने विचार रख रहे हैं।

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Saria Nazneen उन लोगों में से एक हैं, जो महिलाओं के जीवन में करियर ब्रेक के महत्व को समझती हैं और अन्य महिलाओं को अपने करियर और जिन्दगी के अलग-अलग पड़ाव पर करियर ब्रेक लेने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। खुद पेशे से एक रिक्रूटर सरिआ नाजनीन करियर ब्रेक से वापस आकर काम करने वाले लोगों के साथ हो रहे भेदभाव के बिल्कुल खिलाफ हैं।

सरिआ नाजनीन बताती हैं कि उन्होंने खुद गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ को मद्देनजर रखते हुए अपने करियर से ब्रेक लिया था, जिसके बाद उन्हें ये डर था कि वह फिर कभी उस कॉर्पोरेट जिन्दगी में वापस आ पाएंगी या नहीं। लेकिन उन्होंने महसूस किया कि ब्रेक लेने से उनकी जिन्दगी काफी हद तक आसान हो गयी है। करियर ब्रेक की वजह से ही वह अपने बच्चे और परिवार को पर्याप्त समय दे पायीं।

LinkedIn के आंकड़ों के हिसाब से हर 5 में से 4 कामकाजी महिलाओं ने बताया कि करियर में ब्रेक लेने से उनकी खुशी पर सकारात्मक असर पड़ा है। उनका यह भी कहना है कि ब्रेक लेने की वजह से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि तो हुई ही है, साथ ही साथ उन्हें अपने करियर में बदलाव के बारे में सोचने का पर्याप्त समय भी मिला।

सरिआ नाजनीन के पास कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव है और उनका कहना है कि हो सकता है कि लोग आपकी प्राथमिकता को देखते हुए आपके बारे में धारणाएं बनाएं, लेकिन करियर ब्रेक के बाद एक नयी शुरुआत करना हर महिला का हक है और इसमें बुरा महसूस करने वाली कोई बात नहीं है।

उनका मानना है कि इन दिनों भारत में करियर ब्रेक और वर्कप्लेस फ्लेक्सिबिलिटी को लेकर जागरूकता आयी है और अगर आपका काम अच्छा है, तो आप ब्रेक लें या ना लें, अच्छी कंपनियों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

करियर ब्रेक के बारे में समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही LinkedIn ने एक नए मुहीम की शुरुआत की है, जिसमें अब लोग अपने करियर ब्रेक को अपने अनुभव में अपडेट कर सकते हैं। ऐसे ही कई और मुहीम की वजह से आज करियर ब्रेक और वर्कप्लेस फ्लेक्सिबिलिटी को एक सही तरीके से अपनाया जा सकता है, जिससे की काम करने वाली महिलाओं को, और नौकरी देने वाली कंपनियों को भी भरपूर फायदा मिल सकता है।


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