Move to Jagran APP

कम बजट में मसूरी और शिमला का आनंद उठाने के लिए उत्तराखंड के इन 2 गांवों की जरूर करें सैर

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में कलाप गांव बसा है। यहां की आबादी बहुत कम है। पहाड़ों के बीच बसे होने के चलते बहुत कम लोगों को कलाप गांव की जानकारी है। इतिहासकारों की मानें तो कलाप गांव के लोग खुद को कौरव और पांडव के वंशज मानते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 03:12 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 03:12 PM (IST)
कम बजट में मसूरी और शिमला का आनंद उठाने के लिए उत्तराखंड के इन 2 गांवों की जरूर करें सैर
कम बजट में मसूरी और शिमला का आनंद उठाने के लिए उत्तराखंड के इन 2 गांवों की जरूर करें सैर

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। इस राज्य में कई प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं। इसके लिए हर मौसम में पर्यटक और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उत्तराखंड आते हैं। खासकर, मानसून सीजन में पर्यटक हिल स्टेशन पर वेकेशन मनाने आते हैं। अगर आप भी मानसून वेकेशन पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं और कम बजट में मसूरी और शिमला का आनंद उठाना चाहते हैं, तो उत्तराखंड में स्थित इन 2 खूबसूरत गांवों की सैर जरूर करें। आइए जानते हैं-

loksabha election banner

कलाप गांव

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में कलाप गांव बसा है। यहां की आबादी बहुत कम है। पहाड़ों के बीच बसे होने के चलते बहुत कम लोगों को कलाप गांव की जानकारी है। इतिहासकारों की मानें तो कलाप गांव के लोग खुद को कौरव और पांडव के वंशज मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि कलाप गांव से रामायण और महाभारत का इतिहास जुड़ा है। इसके लिए कलाप वासी खुद को कौरव या पांडव मानते हैं। इस गांव की खूबसूरती देखने लायक है। वातावरण शांत और मनमोहक रहता है। गांव में ठहरने की उचित व्यवस्था है। कम बजट में आप कलाप गांव में शिमला और मसूरी का आनंद उठा सकते हैं।

माणा गांव

उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव स्थित है। यह गांव तिब्बत की सीमा पर स्थित है। इसे भारत का अंतिम गांव भी कहा जाता है। तिब्बत की दूरी माणा गांव से महज 26 किलोमीटर है। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 7 माणा गांव से गुजरता है। इस गांव के आसपास कई अन्य पर्यटन स्थल हैं। इनमें व्यास और गणेश गुफा भी शामिल है। धार्मिक मान्यता है कि गणेश गुफा में महाभारत की रचना हुई है। इसके अलावा, माणा गांव के समीप पांडुकेश्वर है। इस स्थान पर महाराज पांडु गृह त्याग के बाद निवास करते थे। कालांतर में पांडुकेश्वर में पांडवों का जन्म हुआ था। अतः जब कभी मौका मिले। एक बार माणा गांव घूमने जरूर जाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.