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एक है अवध की रानी, सुनो कहानी

दक्षिण भारत का प्रमुख हिल स्टेशन है ऊटी जो वैसे तो खासतौर से हनीमून स्पॉट के रूप में मशहूर है लेकिन यहां आप अकेले आकर भी कर सकते हैं जमकर मस्ती। सुरक्षा के लिहाज से भी ये जगह है सही।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 04:37 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 06:00 AM (IST)
एक है अवध की रानी, सुनो कहानी
एक है अवध की रानी, सुनो कहानी

ट्रैवलिंग का शौक पुराना हो या नया, सोलो ट्रीप पर जाने का ख्वाब लगभग हर एक ट्रैवलर का होता है। लेकिन इसे पूरा करना बहुत ही कम लोगों के बस की बात होती है। सारी चीज़ों की प्री-प्लानिंग तो आप करके चलते हैं लेकिन गलती से भी अगर कहीं फंस गए तो उस वक्त मदद के लिए कोई नज़र आता है जो सिर्फ और सिर्फ खीझ बढ़ाने का काम करती है। तो अगर आप इन चीज़ों के लिए तैयार हैं तभी सोलो ट्रिप पर जाएं।

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यह दक्षिण भारत का प्रमुख हिल स्टेशन है, जो हनीमून हॉट स्पॉट के रूप में भी प्रसिद्ध है. यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है. ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुंदरता बढ़ जाती है. इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन (नीले पर्वत) भी कहा जाता है. कुछ लोगों का ऐसा विश्वास है कि इस स्थान का नाम यहां की घाटियों में 12 वर्ष में एक बार फूलने वाले कुरुंजी फूलों के कारण पड़ा. ये फूल नीले रंग के होते हैं तथा जब ये फूल खिलते हैं तो घाटियों को नीले रंग में रंग देते हैं.

ऊटी में अकेले जाकर भी इन जगहों पर कर सकते हैं एन्जॉय

ऊटी ट्रैवल ट्रेन

ऊटी आने वाले टूरिस्ट टॉय ट्रेन का सफर जरूर करते हैं। आम ट्रेन के मुकाबले इसका सफर थोड़ा हटकर होता है। मेटूपालायम से कुन्नूर होते हुए ये ट्रेन ऊटी तक जाती है। ट्रेन में सफर के दौरान आप ऊटी की उन जगहों को भी कैमरे में कैद कर सकते हैं जहां तक जाना पॉसिबल नहीं।

एवलांच लेक

ऊटी से 28 किमी दूर स्थित एवलांच लेक यहां घूमने वाली अच्छी जगह है। झील के चारों ओर फैली हरियाली इसे बनाते हैं और भी खूबसूरत। ये झील एक बड़े लैंडस्लाइड के बाद बना था। फिशिंग के लिए ये जगह बहुत ही अच्छी है। इसके अलावा झील के किनारे जंगलों में कई प्रकार के पेड़-पौधे और जंगली जानवरों को भी देखा जा सकता है। ये जगह पिकनिक स्पॉट के रूप में भी मशहूर है।

ऊटी बोटेनिकल गॉर्डन

ऊटी का बोटेनिकल गॉडर्न भी घूमने-फिरने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है। इस गॉर्डन में महज फूल-पौधे देखने को ही नहीं बल्कि उनके बारे में जानने का भी मौका मिलता है। गर्मियों में तो यहां फ्लॉवर शो भी होता है। इस गॉर्डन में एक फोशिल ट्री भी मौजूद है जिसके बारे में कहा जाता है कि ये काफी पुरानों है।

वैक्स वर्ल्ड ऊटी

शहर से 2 किमी दूर स्थित ये जगह भी ऊटी में देखने लायक है। जहां महात्मा गांधी से लेकर बाल गंगाधर तिलक, मदर टेरेसा, गोपाल कृष्ण गोखले, एपीजे अब्दुल कलाम और भी कई जानी-मानी हस्तियों के स्टेच्यू हैं।

तोडा हट ऊटी

ऊटी में तोडा हट बहुत ही खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में से एक हैं। तोडा यहां ऊटी में निवास करने वाली एक जन- जाति है। इन झोपड़ियों में खिड़की नहीं होती और दरवाजे भी बहुत ही छोटे होते हैं। देखकर ऐसा लगेगा जैसे इसमें रहना बहुत ही मुश्किल है लेकिन अंदर जाकर आप देखेंगे कि यहां बहुत सारी जगह होती है।

इन जगहों की भी करें सैर

डोडाबेट्टा उद्यान, ऊटी झील और कलहट्टी प्रपात जैसी कई जगहें हैं जिनके लिए ऊटी पूरे विश्व में मशहूर है। ग्लेंमोर्गन का शांत और प्यारा गांव, मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान आदि ऊटी के कुछ प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट्स हैं।

कैसे पहुंचे

ऊटी का नजदीकी एयरपोर्ट कोयंबटूर 89 किलोमीटर दूर है. मुंबई, कालीकट, चेन्नई व मदुरै के लिए यहां से नियमित उड़ानें हैं. चेन्नई व कोयंबटूर से ट्रेनें भी हैं. बस-टैक्सी लेकर मदुरै, तिरुअंनतपुरम, रामेश्वरम, कोच्चि, कोयंबटूर से यहां पहुंचा जा सकता है.

कब जाएं

वैसे तो ऊटी का प्लान आप साल में कभी भी बना सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर का महीना यहां आने के लिए बेस्ट होता है। नवंबर से मार्च तक के बीच यहां बहुत ठंड पड़ती है और तापमान 5 डिग्री से भी नीचे चला जाता है।  


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