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हाथी, टाइगर के साथ ही ट्राइबल विलेज टूर बनाता है सिमलिपाल नेशनल पार्क को खास

अगर आप वाइल्डलाइफ सेंचुरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ओडिशा का सिमलिपाल नेशनल पार्क का प्लान बनाएं। जहां पेड़-पौधों से लेकर पशु-पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 01:12 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 01:12 PM (IST)
हाथी, टाइगर के साथ ही ट्राइबल विलेज टूर बनाता है सिमलिपाल नेशनल पार्क को खास
हाथी, टाइगर के साथ ही ट्राइबल विलेज टूर बनाता है सिमलिपाल नेशनल पार्क को खास

ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित सिमलिपाल नेशनल पार्क होने के साथ ही हाथी अभ्यारण्य भी है। 145.70 वर्ग किमी में फैले इस पार्क को यह नाम आसपास फैले सेमल और लाल कपास के पेड़ों की वजह से मिला है। इस जगह को खूबसूरत बनाने का काम करते हैं जोरांडा और बरेहीपानी जैसे खूबसूरत झरने। यह भारत के सबसे बड़े वाइल्डलाइफ सेंचुरी के तौर पर जाना जाता है। प्रकृति के बेहद करीब सिमलिपाल कैंपिंग और ट्रैकिंग के लिए है परफेक्ट जगह। सिमलिपाल एलीफेंट रिजर्व के नाम से भी मशहूर है यह जगह।
नेशनल पार्क की खासियत
पशु-पक्षी
सिमलिपाल नेशनल पार्क लुप्तप्राय हो रहे पशु-पक्षियों से लेकर पेड़-पौधों तक का घर है। जिसमें लैपर्ड, गौर, हाथी, लंगूर, स्लोथ बियर, मंगूज, फ्लाइंग स्क्वेरल, शाही, कछुआ, पाइथन, सांबर पेंगोलिन, मगरमच्छ और एंटीलोप शामिल हैं। मालाबार हॉर्नबिल, इंडियन ट्रोगोन, रेड जंगल फाउल, हिल मायना, पीफाउल, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल जैसे लगभग 230 प्रकार के पक्षी यहां पाए जाते हैं।
इस नेशनल पार्क आकर सांप और कछुए की भी कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

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पेड़-पौधे
सिमलिपाल रिजर्व में 1076 तरह के पेड़-पौधों की प्रजातियां देख सकते हैं। लगभग 96 प्रकार के ऑर्किड की यहां पहचान हुई है। यहां मौजूद पेड़-पौधे औषधि के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं जो यहां निवास कर रहे आदिवासियों के जीवनयापन का जरूरी हिस्सा है। यूकेलिप्टस के पेड़ इस जंगल की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।

सफारी
इस नेशनल पार्क में आप सफारी के मजे भी ले सकते हैं खासतौर से जीप सफारी। जिसमें सवार होकर आप जंगली जानवर, पशु-पक्षियों के साथ-साथ आसपास फैली नेचुरल ब्यूटी का भी करीब से एहसास कर सकते हैं। बर्ड वॉचिंग, नेचर वॉक, ट्राइबल विलेज टूर, झरने इन सबका का मौका मिलता है सफारी के दौरान।

कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
भुवनेश्र्वर और कोलकाता, सिमलिपाल का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है। वैसे लोग कोलकाता से यहां तक ड्राइव करके पहुंचना पसंद करते हैं। जिसमें किसी तरह की कोई भागदौड़ नहीं होती।
रेल मार्ग
बारीपादा से 60 किमी की दूरी पर स्थित बालासोर, सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। जहां तक के लिए सभी बड़े शहरों से ट्रेनों की सुविधा अवेलेबल है।
सड़क मार्ग
बारीपादा, इस नेशनल पार्क तक पहुंचने का सबसे आसान रास्ता है। भुवनेश्वर से 270 किमी, कोलकाता से 240 किमी, बालासोर 55 किमी दूर है यह जगह। सभी जगहों से यहां तक पहुंचने के लिए बसों और टैक्सी की सुविधा अवेलेबल है।


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