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Prakash Parv 2019: धार्मिक पर्यटन के लिए मशहूर डेरा बाबा नानक का ऐतिहासिक सफर

गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे का उद्घाटन श्रद्धालुओं व धार्मिक पर्यटकों के लिए एक बड़ी सौगात होगा।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:39 AM (IST)
Prakash Parv 2019: धार्मिक पर्यटन के लिए मशहूर डेरा बाबा नानक का ऐतिहासिक सफर
Prakash Parv 2019: धार्मिक पर्यटन के लिए मशहूर डेरा बाबा नानक का ऐतिहासिक सफर

पर्यटन की दृष्टि से किसी भी स्थल की एक खास विशेषता होती है कि उससे धार्मिक या राजनीतिक इतिहास जुड़ा होता है। पंजाब का गुरदासपुर जिला भी ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। यहां स्थित डेरा बाबा नानक और बटाला इन दिनों खासे चर्चा में हैं। ये स्थान सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी की यादों को समेटे हुए है। श्री गुरु नानक देव जी यहां 12 वर्ष तक रहे थे। मक्का जाने पर उनको दिए गए कपड़े भी यहां संरक्षित हैं। हर साल चार से आठ मार्च तक यहां पर विशाल मेला लगता है, जहां देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मेले में शामिल होने के लिए होशियारपुर के गांव खंडियाला सैनियां के गुरुद्वारा बारण साहिब से एक विशेष दल पैदल यात्रा कर यहां पहुंचता है। 

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पंजाब के गुरदासपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डेरा बाबा नानक को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी कहा जाता रहा है। यहीं स्थित है ऐतिहासिक गुरुद्वारा चोला साहिब, जहां श्री गुरुनानक देव जी के अंगवस्त्र सुशोभित हैं। आज चलते हैं डेरा बाबा नानक और आसपास के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक सफर पर.. 

बदलाव की नई आहट

डेरा बाबा नानक में पिछले साल की तुलना में काफी बदलाव आया है। कॉरिडोर खुलने के बाद यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 4.5 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन सुलभ हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि करतारपुर साहिब में गुरु नानक देव जी ने जिंदगी के 18 साल गुजारे थे। यहां पहले दर्शन के लिए सिख संगत को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। वे पहले भारत से लाहौर जाते थे और फिर वहां से करतारपुर साहिब। इस सफर में 125 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी या फिर श्रद्धालु डेरा बाबा नानक से दूरबीन के जरिये करतारपुर साहिब के दर्शन करते थे। इससे दर्शन तो हो जाते थे, पर उस पवित्र स्थल की मिट्टी को माथे पर लगाने की कसक मन में बनी रहती थी। पर अब जब करतारपुर के लिए नौ नवंबर को दोनों देशों के प्रधानमंत्री ऐतिहासिक कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे तो श्रद्धालुओं की दशकों पुरानी मनोकामना पूरी हो सकेगी। उसी दिन पहला जत्था करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जाएगा। अवसर जब श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व का है तो यह खुशी और भी बढ़ गई है। 

बसाई गई है टेंट सिटी

प्रकाश पर्व मनाने के लिए डेरा बाबा नानक में 40 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई है। आम दिनों की तुलना में इस समय चहल-पहल ज्यादा बढ़ गई है। टेंट सिटी-एक में 17 हजार, सिटी-दो में 5500 और सिटी-तीन में 13,500 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। तीनों टेंट सिटी में अंडर ग्राउंड सीवरेज सिस्टम होगा। 

वैश्विक भाईचारा वर्ष 

प्रकाश उत्सव को भव्य बनाने के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए गए हैं। श्री दरबार साहिब की नींव रखने वाले सूफी संत साईं मियां मीर के परिवार को भी आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा, श्री गुरु नानक देव जी की यात्राओं में उनके साथ रहने वाले भाई मरदाना के परिवार के वंशजों से कीर्तन करवाया जाएगा। यह परिवार आज भी पाकिस्तान में भाई मरदाना की विरासत संभाले हुए है। साथ ही, अपनी चार उदासियों यानी पावन यात्राओं के दौरान भारत और विदेश के विभिन्न स्थानों तक गुरु नानक जी ने जिन-जिन रागों में अपनी वाणी का उच्चारण किया है, उसका गायन भी इस राग के दक्ष कीर्तनियों से कराया जाएगा। 

कैसे जाएं

डेरा बाबा नानक आप दिल्ली से हवाई मार्ग से अमृतसर आ सकते हैं। अन्य स्थानों से भी अमृतसर के लिए सीधी उड़ानें हैं। 120 अमृतसर से डेरा बाबा नानक के लिए कई पैसेंजर ट्रेन चलती हैं। बस और अन्य वाहनों से भी आप डेरा बाबा नानक जा सकते हैं। इसके अलावा, आप दिल्ली से ट्रेन के जरिये गुरदासपुर पहुंच सकते हैं। वहां से टैक्सी से डेरा बाबा नानक और अन्य स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। 


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