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महल में घूमने जैसा एहसास कराता है वडोदरा का नीलकंठ धाम मंदिर

गुजरात के तीसरे बड़े शहर वडोदरा को सांस्कृतिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो गुजरात में मंदिरों की भरमार है लेकिन वडोदरा के नीलकंठधाम की बात ही निराली है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 12:32 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 12:32 PM (IST)
महल में घूमने जैसा एहसास कराता है वडोदरा का नीलकंठ धाम मंदिर
महल में घूमने जैसा एहसास कराता है वडोदरा का नीलकंठ धाम मंदिर

पॉइचा गांव में कई एकड़ में फैला नीलकंठ मंदिर स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट द्वारा बनवाया गया। नर्मदा नदी के किनारे बना यह मंदिर अपनी विशालता के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। यहां बड़े ही खूबसूरत उद्यान बने हुए हैं, जिनमे विशाल मूर्तियों के माध्यम से पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है। इस मंदिर परिसर में ठहरने की भी व्यवस्था है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह मंदिर हजारों श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करता है। देश-दुनिया से लोग इस मंदिर को देखने आते हैं।

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नीलकंठ धाम मंदिर का आकर्षण

तकरीबन 105 एकड़ में फैला इस मंदिर का नजारा छुट्टियों के दिन अलग ही नज़र आता है। लोगों की भीड़ देखकर ऐसा लगता है मानो यहां कोई मेला लगा हो। नीलकंठधाम, स्वामीनारायण मंदिर और सहजानंद यूनिवर्स दो हिस्सों में बंटा हुआ है। मंदिर के द्वार पर भगवान नटराज की विशाल मूर्ति विराजमान है। मंदिर के अंदर बड़ा सा सरोवर बना हुआ है और इसके बीचों-बीच शिवलिंग, गणेशजी, हनुमानजी के मंदिर के साथ और भी कई छोटे-छोटे मंदिर। मंदिर में नीचे की ओर 108 गौमुखी गंगा से बहती नर्मदा नदी के जल से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से लेकर शाम तक एक समान ही रहती है।

मंदिर का नजारा शाम के वक्त इतना खूबसूरत होता है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे आप किसी महल में घूम रहे हैं। रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग मंदिर में चारों ओर भक्तिगीत और नृत्य करते हुए भक्तगण नज़र आते हैं।

प्रसाद के रूप में मिलता है छाछ

यहां भगवान का अभिषेक दूध और जल के साथ किया जाता है। और इसी दूध से छाछ बनाकर उसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। जहां आमतौर पर मंदिरों में प्रसाद के रूप में मिठाईयां देखने को मिलती है वहीं यहां अभिषेक में इस्तेमाल दूध का ही प्रसाद बनता है।

 

मंदिर में आरती का समय

मंदिर में सुबह 5 से 6 बजे आरती होती है और शाम को 6 से 7 बजे के बीच। हां, खास मौकों और त्योहारों पर आरती के समय में थोड़े बहुत बदलाव किए जाते हैं। दर्शन के अलावा अगर आप लाइट शो देखना चाहते हैं तो 7 बजे से लेकर 10 बजे के बीच आएं।

मंदिर के अन्य आकर्षण

दर्शन के अलावा आप यहां आकर नेचर पार्क, एक्जीबिशन, लाइट एंड साउंड शो, टनल ऑफ यमपुरी, फ्लावर क्लॉक, ऑर्ट गैलरी और होरर हाउस जैसी दूसरी चीज़ें भी एन्जॉय कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग- वड़ोदरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पोइचा के सबसे नज़दीक है। जहां से नीलकंठ धाम की दूरी 65.7 किमी है।

रेल मार्ग- राजपीपला, यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से 12.5 किमी का सफर तय करके आप नीलकंठ स्वामीनारायण धाम पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग- पोइचा लगभग सभी बड़े शहरों के सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा प्राइवेट गाड़ियां भी यहां के लिए अवेलेबल हैं। 


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