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सिर्फ काजीरंगा नेशनल पार्क में ही देखने को मिलते हैं दुनियाभर में मशहूर एक सींग वाले गैंडे

नार्थ ईस्ट इंडिया में बसा बहुत ही खूबसूरत काजीरंगा नेशनल पार्क की खासियत है एक सींग वाले गैंडे। तो अगर आप वाइल्डलाइफ एडवेंचर के शौकिन हैं तो यहां देखने और जानने के लिए बहुत कुछ मिलेगा।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 02:25 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 03:16 PM (IST)
सिर्फ काजीरंगा नेशनल पार्क में ही देखने को मिलते हैं दुनियाभर में मशहूर एक सींग वाले गैंडे
सिर्फ काजीरंगा नेशनल पार्क में ही देखने को मिलते हैं दुनियाभर में मशहूर एक सींग वाले गैंडे

अगर आपको ऐसा लगता है कि अजीब से दिखने वाले एक सींग के गैंडे डायनासोर के समय में ही हुआ करते थे तो आप असम के काजीरंगा नेशनल पार्क आने का प्लान करें। जहां आज भी इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। काजीरंगा सिर्फ भारत में ही नहीं पूरे विश्व में अपने एक सींग वाले गैंडें के लिए जाना जाता है। अपनी इसी खासियत की वजह से 1905 में यूनेस्को द्वारा इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया था।  

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काजीरंगा नेशनल पार्क

ऊंची-ऊंची घास, दलदली क्षेत्र और घने जंगलों वाला ये नेशनल पार्क 430 स्क्वेयर किमी के एरिया में फैला हुआ है। जहां तकरीबन 2200 गैंडे रहते हैं। गोलाघाट और नागौन जिले में है ये पार्क। एक सींग वाले गैंडे के अलावा ये हाथी, जंगली भैंस और हिरन की ब्रीडिंग के लिए भी अनुकूल जगह है। एक समय पर इस पार्क में टाइगर्स की संख्या में भी बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली थी इसी वजह से इसे साल 2006 में टाइगर रिजर्व का दर्जा भी दिया गया था। काजीरंगा नेशनल पार्क में हॉर्नबिल, आइबिस, ब्लैक नेक स्टॉर्क, रिंगटेल फिशिंग ईगल और हुलॉक गिब्बन जैसे और भी कई अलग-अलग तरह के पक्षी देखे जा सकते हैं।

गैंडे के प्रकार 

दुनिया में पांच तरह के गैंडे पाए जाते हैं- व्हाइट, ब्लैक, इंडियन, जावन और सुमात्रन। व्हाइट और ब्लैक की प्रजातियां अफ्रिका में पाई जाती हैं। इंडियन, जावन और सुमात्रन एशियन प्रजाति है जो उत्तरी पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में पाई जाती है। गैंडे का औसत वजन 2000 किग्रा होता है। गैंडे को जो चीज़ अफ्रीकन दरियाई घोड़ों से अलग बनाती है वो है उनकी एक सींग। जी हां, इनमें सिर्फ एक सींग ही होती है। इसके अलावा उनकी स्किन में भी कई सारे फोल्ड्स नज़र आते हैं जैसे उन्होंने ऊपर से कोई कोट पहन रखा हो।  

गैंडे शाकाहारी होते हैं इनका मुख्य भोजन घास, फल, पत्तियां और अनाज होता है। सुबह के समय ठंड और शांत वातावरण में ज्यादा दिखाई देते हैं। इनकी औसत आयु 40 साल होती है। और ये 40 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। तैरने से लेकर सुनने और सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है वहीं देखने की बाकी की अपेक्षा थोड़ी कम। 

कब जाएं

हर साल 1 मई से 30 अक्टूबर तक काजीरंगा नेशनल पार्क को आम टूरिस्टों के लिए बंद रखा जाता है। तो नवंबर से अप्रैल के बीच यहां आने की प्लानिंग करें।

कैसे पहुंचे

काजीरंगा नेशनल पार्क, असम में है। यहां तक पहुंचने के लिए हर एक जगह से ट्रेन, बस और फ्लाइट की सुविधा मौजूद है।

हवाई मार्ग- जोरहाट यहां का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है जिसकी काजीरंगा से दूरी 97 किमी है। इसके अलावा गुवाहाटी एयरपोर्ट तक पहुंचने का ऑप्शन भी है आपके पास जहां से काजीरंगा नेशनल पार्क 217 किमी दूर है। यहां से आप बस और कैब द्वारा पार्क तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग- रेल द्वारा यहां पहुंचना सबसे आसान है क्योंकि यहां तक के लिए इंडिया के ज्यादातर जगहों से ट्रेनें अवेलेबल हैं। गुवाहाटी यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।

सड़क मार्ग- सड़कमार्ग द्वारा यहां तक पहुंचने के लिए पहले आपको गुवाहाटी या जोरहाट तक पहुंचना पड़ेगा फिर यहां से बस और कैब मिल जाती है।  


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