Move to Jagran APP

60 साल में बनकर तैयार हुए नेशनल वॉर मेमोरियल का पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन

National War Memorial इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बने इस युद्ध स्मारक की लागत 176 करोड़ रुपए है। जिसकी 16 दीवारों पर 25942 योद्धाओं का जिक्र किया गया है। आज पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 03:50 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 11:11 AM (IST)
60 साल में बनकर तैयार हुए नेशनल वॉर मेमोरियल का पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन
60 साल में बनकर तैयार हुए नेशनल वॉर मेमोरियल का पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन

खाकी वर्दी पहने जवान अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ इसलिए कुर्बान कर देते हैं जिससे देश के बाकी लोग सुकून की नींद सो सकें। कह सकते हैं किसी भी देश के जवान उसका आधार स्तंभ होते हैं। इनके बिना बेखौफ जिंदगी की कल्पना नामुमकिन है। आजादी के पहले और बाद में हुई कई लड़ाईयों में हमारे सैनिकों ने अपना खून बहाया है जिनमें हर एक नाम से शायद ही हर कोई वाकिफ होगा। तो इन्हीं सैनिकों के समर्पण और वीरता की कहानी को बताने के लिए इंडिया में नेशनल वॉर म्यूजियम बनाया गया है। जानेंगे इसके बारे में।

loksabha election banner

कहां बनाया गया है नेशनल वॉर मेमोरियल?

आखिरकार शहीदों के लिए प्रस्तावित नेशनल वॉर मेमोरियल लंबे इंतजार के बाद दिल्ली में बनकर तैयार हो गया है। 176 करोड़ की लागत से तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल वाकई बहुत अद्भुत है।

कब से हुई थी बनने की शुरुआत?

लंबे समय से राजनीतिक और प्रशासकीय उदासीनता का शिकार होते आए वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव करीब 60 साल पहले ही दिया गया था। वॉर मेमोरियल का उद्घाटन पिछले साल 15 अगस्त 2018 को ही होना था लेकिन तय समय पर काम पूरा न होने की वजह से इसे टाल दिया गया था। लेकिन अब 25 फरवरी 2019 को इसका उद्धघाटन किया जा रहा है।

शहीदों सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है नेशनल वॉर मेमोरियल

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आजादी के बाद से कई लड़ाईयों में शहीद होने वाले 22600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। केंद्र की सरकार ने अक्टूबर 2015 में इसके लिए यह धनराशि स्वीकृत कर दी थी। वॉर मेमोरियल सैन्य बलों की लंबे अर्से से लंबित भावुक मांग को पूरा करेगा, जिसमें उन्होंने सालों तक इसे दिल्ली से बाहर कहीं शिफ्ट किए जाने का विरोध किया।

दुनिया के प्रमुख देशों में अभी तक भारत शायद एक मात्र ऐसा देश था जिसके पास वॉर मेमोरियल नहीं था। इससे पहले प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए 84000 भारतीय जवानों की याद में अंग्रेजों ने इंडिया गेट बनवाया था। जिनकी दीवारों पर शहीद जवानों के नाम लिखे हुए हैं। बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।

नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है जिससे राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। इसकी शुरुआती लागत करीब 350 करोड़ रुपये है।

वॉर मेमोरियल की खासियत 

इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ शाश्वत लौ भी जलता रहेगी, जो दर्शाता है कि सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता है। केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया गया यह स्मारक लगभग 40 एकड़ में फैला है और इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है। इस पर भित्ति चित्र, ग्रॉफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई है। इनमें उन जवानों के बारे में जानने को मिलेगा जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965, 1971 व 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध तथा श्रीलंका में शांति बहाल कराने के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.