देखिए ‘खाने के किस्से कहानियां’: स्वाद जो आजादी के बाद दिल्ली के दिल में बस गया
किसी रेस्तरां में अपनों के साथ खाने की मेज पर खाना खाते किस्से और कहानियां सुनते-सुनाते कभी आपने सोचा है कि हर खाने के पीछे भी एक कहानी है।
इंडिया के आइकनिक रेस्तरां जिनका खाना ही नहीं कहानी भी लाजवाब है
उनकी जिनका खाना ही नहीं ‘खाने के किस्से कहानियां’ भी लाजवाब हैं। कहानियां उनकी जिनके नाम आज कई शहरों की पहचान बन गए हैं। शहर जहां आपके जाने से पहले अपने याद दिलाते हैं वहां खाना मत भूलिएगा। वक्त के साथ बहुत कुछ बदल जाता है लेकिन आज भी अगर कुछ नहीं बदला है तो इंडिया के आइकनिक रेस्तरां और फेमस डिशेज जो आज भी उतनी ही पॉपुलर हैं जितनी के आजादी के पहले थीं।
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कहानियां जिन्हें देखकर कहेंगे वाह
जागरण डॉट कॉम लेकर आया है स्वाद की दुनिया से ऐसी ही कहानियां जिन्हें देखकर आप कह उठेंगे वाह। दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर शुरू ‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरिज में आप देख पाएंगे इंडिया के अलग-अलग शहरों के आइकनिक रेस्तरां और उनकी कहानी। जिनकी फेमस डिशेज व खाने के स्वाद ने बरसों बाद भी लोगों को अपना बना रखा है।
दिल्ली के दिल में बसा स्वाद
‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरिज के पहले एपिसोड में हम आपको ले चलते हैं दिल्ली। स्वाद का सफर जिसकी शुरुआत आजादी के पहले पेशावर में हुई लेकिन आज दिल्ली के दिल में बसी है। दरियागंज इलाके में स्थित मोतीमहल रेस्तरां जिसे स्व. कुन्दनलाल गुजराल ने शुरू किया। राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड सितारे तक इसके खाने के मुरीद हैं। आइए देखें कहां और कब शुरू हुई मोतीमहल की कहानी।