तो इस खास वजह से बढ़ जाती है फेस्टिवल के दौरान घूमने-फिरने वालों की तादाद
फेस्टिवल के दौरान लोग पॉल्युशन से बचने के लिए ऐसी जगहों पर जाना चाहते हैं जहां वो खुली हवा में सांस ले सके। हिमाचल, उत्तराखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु इस लिस्ट में टॉप पर हैं।
एक स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि फेस्टिवल के दौरान पॉल्युशन से बचने के लिए ऑफबीट डेस्टिनेशन पर जाने वाले लोगों की तादाद बहुत बढ़ जाती है। इतना ही नहीं पिछले कुछ सालों में ईको टूरिज्म कल्चर में भी लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
इसमें कोई शक नहीं कि फेस्टिवल के दौरान मेट्रो सिटीज़ में पॉल्युशन का लेवल अपने चरम पर होता है। जिससे बचने के लिए लोग ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहां वो ताजी हवा में सांस ले सकें। एक मशहूर ट्रैवलिंग वेबसाइट के अनुसार, फेस्टिवल के दौरान ईको-टूरिज्म से जुड़ी जानकारी लेने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा होती है। और तो और पॉल्युशन से बचने के लिए लोग अकेले ही शहरों से दूर निकल जाते हैं। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान जहां सोलो ट्रैवलर्स की संख्या 38 प्रतिशत थी वहीं फ्रेंड्स और फैमिली के साथ घूमने वालों की 32 प्रतिशत।
लोगों की सर्च लिस्ट में ईको लॉज से लेकर जंगल लॉज, नेचुरल हैबिटेट्स, ईको-फ्रेंडली होमस्टे और होटल्स और ऑफबीट डेस्टिनेशन जैसी चीज़ें शामिल थी। और इसके चलते ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नॉर्थ ईस्ट, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में टॉप ट्रैवल डेस्टिनेशन रहे। क्योंकि घूमने-फिरने में बेस्ट होने के साथ ही ये जगहें पॉल्युशन से भी अभी काफी दूर हैं।
वैसे इस दौरान दुबई, सिंगापुर, कोलंबो और बाली जैसे देश भी सर्च लिस्ट में टॉप पर रहे। जिसकी एक बड़ी वजह बढ़ते टूरिज्म के साथ बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स भी हैं।