Guru Gobind Singh Jayanti 2021: देश के मशहूर 10 गुरुद्वारे, जहां सभी धर्म के लोग टेकते हैं मत्था
Guru Gobind Singh Jayanti 2021 सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 20 जनवरी को देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है। गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर आइए जानें देश के ऐसे गुरुदवारों के बारे में जहां आपको ज़रूर जाना चाहिए।
नई दिल्ली, लाइफ्स्टाइल डेस्क। Guru Gobind Singh Jayanti 2021: सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 20 जनवरी को देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1666 में पटना साहिब में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। उनके पिता सिखों के 9वें गुरु थे। गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन में गोबिंद राय के नाम से बुलाया जाता था। गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को कई राज्यों में प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर आइए जानें देश के ऐसे गुरुदवारों के बारे में जहां आपको ज़रूर जाना चाहिए।
1. गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह, अमृतसर
स्वर्ण मंदिर पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है। गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह को बचाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह जी ने गुरुद्वारे का ऊपरी हिस्सा सोने से ढक दिया था, यही वजह है कि इसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
2. तख्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब
दमदमा का मतलब होता है, ऐसी जगह जहां सांस ली जा सकती है और सही मायनों में ये जगह गुरु गोबिंद सिंह जी के लिए ही थी, जिन्होंने तलवंडी साहू में जंग के बाद आराम किया था। तलवंडी साहू पंजाब के भटिंडा शहर से करीब 28 किलो मीटर दूर है। यह गुरुद्वारा सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक है।
3. गुरुदवारा श्री हरमंदिर जी, पटना
यह गुरुद्वारा सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक है। इस गुरुद्वारे को महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था।
4. गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली
गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली का मशहूर गुरुद्वारा है। सन 1664 में गुरु हरकृष्ण देव जी के सम्मान में इसका निर्माण किया गया था। इस गुरुद्वारे के प्रांगण में स्थित तालाब के पानी को अमृत के समान जीवनदायी और पवित्र माना जाता है। यहां गुंबद सोने का है और फिलहाल अंदर के दरबार को भी सोने से ढका जा रहा है।
5. गुरुद्वारा शीशगंज, दिल्ली
पुरानी दिल्ली में महान धार्मिक और ऐतिहासिक गुरुद्वारा शीशगंज स्थित है, जहां हिन्दू, सिख और अन्य धर्मों के लोग समान आस्था से माथा टेकते हैं। यह गुरुद्वारा 9वीं पातशाही गुरु तेगबहादुर जी से संबंधित है।
6. गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब, उत्तराखंड
गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में है और यह अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर है। यह गुरुद्वारा समुद्र स्तर से 4000 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। बर्फ पड़ने की वजह से यह साल में अक्टूबर से लेकर अप्रैल महीने तक बंद रहता है।
7. गुरुद्वारा मट्टन साहिब, अनंतनाग
गुरुद्वारा मट्टन साहिब श्रीनगर से 62 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसा कहा जाता है कि श्री गुरुनानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान यहां एक महीने के लिए ठहरे थे।
8. गुरुद्वारा पौंटा साहिब, हिमाचल प्रदेश
माना जाता है कि पौंटा साहिब पर सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह ने सिख धर्म के शास्त्र दसवें ग्रंथ का एक बड़ा हिस्सा लिखा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुरु गोबिंद सिंह चार साल यहां रुके थे।
9. गुरुद्वारा सेहरा साहिब, सुल्तानपुर
पंजाब के इस गुरुद्वारे के बारे में बताया जाता है कि गुरु हर गोविंद सिंह जी की बारात यहीं से गुज़री थी और इस शहर में ही उनकी सेहरा बंधी की रस्म पूरी की गई थी। इसके बाद यहां गुरुद्वारा बना और उसका नाम सेहरा साहिब रखा गया।
10. श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र
यह गुरुद्वारा भी 5 तख्तों में से एक है। श्री हजूर साहिब महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यह वह जगह है जहां गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपनी आखिरी सांस ली थी। महाराज रणजीत सिंह जी ने सन 1832 में इस गुरुद्वारे को बनवाया।