International Kite Festival 2019: 45 देशों के 150 पतंगबाज इस बार बना रहे अहमदाबाद के अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव को खास
गुजरात में चल रहा है अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव, जिसमें 150 देशों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। 14 जनवरी तक चलने वाले इस फेस्टिवल का हिस्सा बनने के लिए गुजरात आने का करें प्लान।
वैसे तो उत्तरायण पूरे गुजरात में मनाया जाता है लेकिन अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट में इसकी अलग ही धूम देखने को मिलती है। क्योंकि उस दौरान यहां होता है अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन। जिसमें देश के कोने-कोने से लोग हिस्सा लेते हैं। 6 जनवरी से शुरू हुए इस फेस्टिवल में इस बार 45 देशों के मेहमानों ने हिस्सा लिया। गुजरात में हाल ही बने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के अलावा 11 शहरों के पर्यटन स्थलों पर भी पतंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, कंबोडिया और नेपाल के साथ ही 150 प्रतिभागी इस महोत्सव का हिस्सा बनने गुजरात पहुंच चुके हैं।
आसमान में पतंग का मेला
महोत्सव के दौरान आसमान में अलग-अलग आकार और डिज़ाइन वाले पतंगों को उड़ते हुए देखा जा सकता है। बड़ी-बड़ी तितलियों से लेकर डरावने ड्रेगन, घोड़े, बैलून, फ्रूट्स और भी कई तरह की पतंगें आसमान में उड़ती हुई देखने को मिलती हैं। प्रतियोगी एक-दूसरे की पतंगों को बेशक काटते हुए नज़र आते हैं लेकिन फिर भी उनमें उत्साह का माहौल बना रहता है। लोग इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए अपने पसंदीदा पतंग वालों से मजबूत पतंगे बनवाते हैं। बांस, मजबूत मंझे से तैयार पतंगों से पेंच लड़ाना आसान नहीं होता। वैसे पुराने शहर में पतंग बाजार के नाम से पूरी एक मार्केट ही है। जो महोत्सव के दौरान पूरे 24 घंटे खुली रहती है।
पतंग महोत्सव का योगदान
देश-विदेश में मशहूर गुजरात के पतंग उत्सव से तकरीबन 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। साथ ही इससे हर साल करोड़ों का टर्न ओवर भी मिलता है। फेस्टिवल के दौरान गुजरात की संस्कृति और कला से भी रूबरू होने का मौका मिलता है।
इन देशों से आए हैं पतंगबाज
इंग्लैंड, अर्जेटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, बेलारुस, बेल्जियम, बुल्गारिया, कंबेडिया, कनाडा, फ्रांस, इंडोनेशिया, इजराय, इटली, मकाउ , स्विजरलैंड जैसे देशों के 150 पतंगबाज हिस्सा ले रहे हैं।
इतिहास
पतंग उड़ाने की परंपरा पर्सिया से आए मुस्लिम व्यापारियों और चीन से आए बौद्ध लोगों की देन है। कहते हैं नवाबों के जमाने में पतंग उड़ाना मनोरंजन का एक अच्छा माध्यम हुआ करता था। लेकिन आज हर कोई पतंग महोत्सव का हिस्सा बन रहा है। अगर आज जनवरी महीने में गुजरात यात्रा पर है तो बिना किसी रोक-टोक इसमें शामिल हो सकते हैं।