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शहर से लेकर गांव, हर तरह का जायका चखें सतारा आकर

महाराष्ट का सतारा जिला सिर्फ घूमने-फिरने का ही नहीं बल्कि खानपान का भी देता है भरपूर मौका। पूरनपोली हो या मसाला भात जो स्वाद यहां खाने को मिलेगा वो कहीं और नहीं।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 01:53 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 01:53 PM (IST)
शहर से लेकर गांव, हर तरह का जायका चखें सतारा आकर
शहर से लेकर गांव, हर तरह का जायका चखें सतारा आकर

सहाद्रि पर्वत श्रृखंला, सघन जंगल, फूलों की घाटी, किले, जलप्रपात घाट, रंग-बिरंगे पंछी, तिललियां, सजीले बैल, दूर-दूर तक फैले गन्ने के खेत, आकाश की हद तक पहुंचते ज्वार-बाजरे के सिट्टे, सदाबहार मौसम, संदली हवा में केसरी ध्वज को हाथ में थामे स्वच्छ-सुंदर सतारा। तो अगर आप यहां घूमने-फिरने, बिजनेस ट्रिप या और किसी भी काम से आएं हैं तो यहां के जायकों को चखना बिल्कुल न भूलें।

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सतारा के अनोखे स्वाद

शहर और गांव का मिश्रित स्वरूप है मिलता है सतारा के खानपान में। अपने स्वाद का सब कुछ मिलने के बावजूद पिज्जा की भी एक जगह बन गई है सतारा के दिल में। पिठ्ला-भाकरी, मसाले भात, मटका बिरयाणी, भरल वांगी, मटकी, चिकण-मटण थाली, मटण सूखा- मटण रसा, पांढरा और तांबरा रसा, वड़ा पाव, कांदा भजिये, मिसल पाव, कुरडई आदि का स्वाद यहां आकर लिया जा सकता है। और एक बात तो तय है होटलों और रेस्टोरेंट्स से ज्यादा स्वाद सड़क किनारे लगने वाली दुकानों में चखने को मिलता है।

खानपान की वैराइटी सतारा को बनाती है खास

ज्वार-बाजरा-नाचणी की रोटी जिसे भाकरी कहा जाता है, यहां शौक से खाई जाती है। जवस (अलसी) की चटनी यहां सबको उतनी ही प्रिय है, जितनी पूरण पोली। पांढरा और तांबरा रसे का स्वाद ताक और सोलकरी यहां चाय जितना ही पसंदीदा पेय है। सातारा की चिकण थाली और मटण थाली स्थानीय लोगों के बीच ही नहीं यहां आने वाले सैलानियों के बीच भी खासी लोकप्रिय है, जिसमें ज्वार और बाजरे की रोटी, जिसे भाकरी कहा जाता है, शामिल होती है। इसमें सूखा चिकन और सूखा मटन फ्राई किया हुआ मिलता है। इसके साथ ही रसा अलग से परोसा जाता है, जिसमें पांढरा और तांबरा रसे को बिना यहां आए उसके स्वाद को बता पाना शब्दों में मुमकिन ही नहीं। इस थाली में चिकन और मटण कीमा भी साथ में होता है। दही में मिलाए प्याज के लच्छे सलाद में सर्व किए जाते हैं।

मूंगफली के तेल में बनता है लज़ीज खाना

भोजन में गुड़, लाल मिर्च, सूखा नारियल और लहसुन का प्रयोग भरपूर होता है। खाना यहां मूंगफली के तेल में ही बनाया जाता है। सतारा में मूंगफली की खेती भी खूब की जाती है। बड़ा पाव और पूरणपोली तो पूरे महाराष्ट्र की ही पसंद है।

खास पेशकश

काजू-करी कच्छी दाबेली सातारा का मशहूर स्ट्रीट फूड है। नाश्ते में मिसल-पाव और पूरी भाजी खाने के लिए आप चंद्रविलास, जटका मिसल पवई नाके पर और माधवराव मिसल कहीं भी जा सकते हैं। लंच के लिए कांसे ढाबा शिव राज पेट्रोल पंप के पास सबसे मुफीद जगह है। सतारा के रेस्टोंरेंट्स की खास पेशकश काजू करी भी होती है।


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