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अगले साल दिवाली से अयोध्या में शुरू होगी 'रामायण क्रूज सेवा'

इस सेवा की शुरुआत से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सभ्यता और संस्कृति का महिमामंडन भी होगा। वर्ष 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। महज अयोध्या में 2 करोड़ पर्यटक आए थे।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 05:48 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 05:48 PM (IST)
अगले साल दिवाली से अयोध्या में शुरू होगी 'रामायण क्रूज सेवा'
'रामायण क्रूज सेवा' का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सनातन धर्म में अयोध्या नगरी का विशेष महत्व है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि सतयुग में राजा हरिश्चंद्र अयोध्या के सत्यवादी राजा थे। जबकि त्रेता युग में भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। आधुनिक समय में अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरह सरकार पर्यटकों को रिझाने के लिए चौतरफा विकास कर रही है। इस क्रम में अब पर्यटक अयोध्या में क्रूज का आनंद उठा सकते हैं। सरकार इसकी तैयारी में जुट गई है। खबरों की मानें तो अगले साल दिवाली से अयोध्या के सरयू नदी में रामायण क्रूज सेवा' की शुरुआत होने जा रही है। 'रामायण क्रूज सेवा' का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। इस बात की जानकारी योगी सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति से हुई है।

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उत्तर प्रदेश के जलमार्ग मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में 'रामायण क्रूज सेवा' शुरू करने का रोडमैप तैयार किया गया। क्रूज में विश्वस्तरीय संरक्षा, सुरक्षा समेत आराम की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 'रामायण क्रूज सेवा' की थीम रामचरितमानस है।

इस क्रूज में 80 सीटें होंगी। जबकि अयोध्या की प्राकृतिक दीदार के लिए सीट के सामने कांच की बड़ी-बड़ी खिड़कियां होंगी। साथ ही पर्यटकों की सुविधा के लिए क्रूज में खानपान की भी सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं, पर्यटकों के मनोरंजन के लिए गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित मर्यादा पुरषोत्तम की जीवन वृतांत फिल्म दिखाई जाएगी। इस फिल्म में भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक की कथा दिखाई जाएगी। यह यात्रा 15-16 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। वहीं, यात्रा के समापन के बाद आरती आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी पर्यटक शामिल हो सकते हैं।

इस सेवा की शुरुआत से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सभ्यता और संस्कृति का महिमामंडन भी होगा। वर्ष 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। महज अयोध्या में 2 करोड़ पर्यटक आए थे। अब क्रूज सेवा की शुरुआत से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।


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