World Mosquito Day 2023: क्यों और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत और क्या है इसका महत्व
World Mosquito Day 2023 हर साल अगस्त माह की 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मच्छरों से होने वाली बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। मच्छर डेंगू जीका वायरस चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलाने के जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Mosquito Day 2023: दुनियाभर में आज यानी 20 अगस्त का दिन विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज ही के दिन साल 1897 में लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के ब्रिटिश डॉ. रोनाल्ड रॉस ने मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी। इस मच्छर के काटने से ही मलेरिया होता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना और बचाव के उपायों के बारे में बताना है। मलेरिया से जुड़ी इस बड़ी खोज की वजह से डॉ. रोनाल्ड रॉस को 1902 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
विश्व मच्छर दिवस क्यों मनाया जाता है?
20 अगस्त 1897 को ही ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी, जो दुनियाभर में मलेरिया फैलाने और मौत के लिए जिम्मेदार था। तभी से इस दिन को विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day 2022) के रूप में मनाया जाने लगा। वैसे आपको बता दें कि मलेरिया एनाफिलीज मच्छर से नहीं होता है बल्कि यह परजीवी का काम करते हैं। इस मच्छर की खोज होने के बाद ही मलेरिया से निपटने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा और कई महत्वपूर्ण रिसर्च किए गए। हालांकि, दुनिया में मलेरिया का उपचार मच्छर की खोज से पहले भी था। इससे पहले वैज्ञानिकों ने कुनैन (Quinine) दवा की खोज की थी, लेकिन इसकी इसकी कमी के चलते हर साल हजारों लोगों की जानें जा रही थी।
विश्व मच्छर दिवस का महत्व
मच्छर बीमारियों के वाहक होते हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, ज़ीका वायरस और मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। इन सभी में डेंगू और मलेरिया सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। ये बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती है। एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2010 में मच्छर के काटने से अफ्रीका में सबसे अधिक मौत हुई है। दुनिया के कुछ हिस्सों में मलेरिया एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। यह दिन मलेरिया के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
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